कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन को लेकर मिले कुछ अहम संकेत

स्वास्थ्य
देहरादून: कोरोना की तीसरी लहर के चलते देशभर में खौफ का माहौल हैI ने वेरिएंट ओमिक्रोन के तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार से लेकर शसन प्रशासन की और से समय समय पर एसोपी जरी की जा रहीं हैंI वहीं इसको लेकर रिसर्चर की और से भी कई तरह की जानकारियां सामने आ रही हैंI नई दिल्‍ली स्थित डिपार्टमेंट ऑफ क्‍लीनिकल वायरोलॉजी, इंस्‍टीट्यूट ऑफ लीवर एंड बाइलियरी साइंसेज ने अपनी खोज के आधार पर बताया है कि, कोरोना के ओमीक्रोन वेरिएंट को लेकर कुछ अहम संकेत मिल रहे हैं। इस दौरान दिसंबर 2021 के अंतिम हफ्ते इससे संक्रमित मरीजों की प्रकार की ट्रैवल हिस्‍ट्री नहीं थी। यानी ये कहीं बाहर नहीं गए। यह संकेत है कि ओमीक्रोन कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन के लेवल पर पहुंच गया है। भारत में अपनी तरह की पहली स्‍टडी में यह बात सामने आई है। इस स्‍टडी के लिए संसथान की और से दिल्‍ली के 5 जिलों से सैंपल जुटाए गए। ये लोग 25 नवंबर-23 दिसंबर 2021 के बीच पॉजिटिव हुए थे। जीनोम सीक्‍वेंसिंग कराने के बाद इनके ओमीक्रोन से संक्रमित होने की बात पता चली थी। इनके बारे में अन्‍य तरह की भी जानकारी जुटाई गई। इसके बाद तमाम पहुलओं का अध्‍ययन किया गया। फिर कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन के बारे में पता लगाया गया। स्‍टडी कहती है कि करीब 60.9 फीसदी कोविड-19 इन्‍फेक्‍टेड लोगों में कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन के संकेत मिले। कम्युनिटी ट्रांसमिशन तब होता है जब कोई व्यक्ति किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए बिना या वायरस से संक्रमित देश की यात्रा किए बिना ही इससे इन्‍फेक्‍ट हो जाए। इसमें कहा गया कि ओमीक्रोन के ज्‍यादातर केस एसिम्‍प्‍टोमैटिक थे। इनमें हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत नहीं थी। कुल मिलाकर 264 मामलों का अध्‍ययन किया गया। इनमें से 72 पूरी तरह वैक्‍सीनेटेड थे। 39.1 फीसदी की कोई ट्रैवल हिस्‍ट्री नहीं थी या वो किसी के संपर्क में नहीं आए थे। वहीं, 60.9 फीसदी ने कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन दर्शाया। उधर, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शनिवार को कहा कि ऐसा लगता है कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 महामारी अपनी पीक पर पहुंच चुकी है। जब संक्रमण के मामले घटकर 15 हजार तक आ जाएंगे तो सरकार पाबंदियों में ढील देने पर विचार करेगी। उन्होंने कहा कि आज करीब 20 हजार नए मामले आने की उम्मीद है और यह संख्या गत शुक्रवार को सामने आए 24,383 मामलों से कम है।     साभार nbt
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