हिन्दू संस्कारों की सही व्याख्या होनी आवश्यक
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर में वेदविभाग की संगोष्ठी देवप्रयाग। संस्कार का आशय शुद्धिकरण से है। प्राकृतिक रूप से पैदा होने के बाद संस्कार हमें समाज में श्रेष्ठ जीवन जीने योग्य बनाते हैं। वे हमें उत्कृष्ट व्यवहारी बनाते हैं। संस्कार हमें उत्तरदायित्व प्रदान करते हैं। यह बात केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, श्री रघुनाथ […]
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