चीफ सेक्रेटरी ने वाईब्रेंट विलेज कार्यक्रम और सीमान्त क्षेत्रों में सेना एवं सुरक्षा बलों की आवश्यकताओं की पड़ताल की

उत्तराखंड

हर्षिल/उत्तरकाशी
मुख्य सचिव डा. एस.एस.संधु ने उत्तरकाशी जिले के सीमांत क्षेेत्र के गांवों तथा भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल और सेना के सीमावर्ती शिविरों का भ्रमण कर वाईब्रेंट विलेज कार्यक्रम और सीमान्त क्षेत्रों में सेना एवं सुरक्षा बलों की आवश्यकताओं की पड़ताल की। श्री संधु ने इस मौके पर सुरक्षा बलों और सेना के जवानों से भेंट कर सीमाओं की सुरक्षा में उनके योगदान को अद्वितीय व अविस्मरणीय बताते हुए कहा कि इस सीमांत क्षेत्र में सेना व सुरक्षा बलों की भूमि से संबंधित जरूरतों और अन्य अवस्थापना सबंधी सुविधाओं को जुटाने में हर संभव सहयोग किया जाएगा।
अपने एक दिवसीय भ्रमण के दौरान मुख्य सचिव श्री संधु ने आज तिब्बत सीमा के निकटवर्ती नेलांग और जादुंग गांव का दौरा कर इन गावों के पुनर्वास एवं पर्यटन विकास से संबंधित मुद्दों पर संबंधित विभागों के अधिकारियों और अन्य हितधारकों से वार्ता की। उन्होंने इन गांवों व इससे लगे क्षेत्रों दुमकू-चरोगाड का पर्यटन के नज़रिये से विकास करने के लिए अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इस क्षेत्र में पारिस्थितिक संतुलन एवं पर्यावरण को संरक्षित रखते हुए पर्यटन विकास की व्यापक संभावना है। मुख्य सचिव ने कहा कि वाईब्रेंट विलेज योजना के तहत इस क्षेत्र के विकास में मदद मिल सकेगी।
मुख्य सचिव ने नेलांग-जादुंग क्षेत्र में सेना एवं भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल तथा अन्य संगठनों की भूमि से संबंधित आवश्यकताओं का आकलन करने के लिए सेना व बल के अधिकारियों के साथ प्रशासन के द्वारा बैठक करने के निर्देश देते हुए कहा कि देश की रक्षा जरूरतों के लिए सेना व सुरक्षा बल हेतु आवश्यक भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। सेना व सुरक्षा बलों की आवश्यकता के बाद शेष उपलब्ध भूमि को स्थानीय ग्रामीणोंको आंवटित किए जाने पर भी विचार किया जाएगा। उन्होंने जादुंग में हेलीपैड बनाए जाने की आवश्यकता बताते हुए इस संबंध में अधिकारियों को कार्यवाही करने को कहा।
मुख्य सचिव ने नेलांग, जादुंग, नागा आदि स्थानों पर अवस्थित शिविरों में सेना एवं आईटीबीपी के जवानों से भेंट कर उनका हालचाल जाना तथा देश की रक्षा में उनके योगदान की सराहना की। जवानों से बातचीत करते हुए श्री संधु ने कहा कि सीमांत क्षेत्रों में सड़क एवं अवस्थापना सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया जा रहा है। संचार सुविधाओं में बढोतरी के लिए सीमावर्ती इलाकों में मोबाईल टावर लगाए जा रहे हैं और अब सेटेलाईट आधारित मोबाईल सेवा भी जल्द शुरू की जा रही है। उन्होंने सुरक्षा बलों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं की जानकारी भी ली।
इस दौरान मुख्य सचिव ने गरतांग गली के पुनरोद्धार कार्य का भी निरीक्षण किया और इस ट्रैक के प्रवेश द्वार तथा लंका क्षेत्र में पर्यटन सुविधाओं व पार्किंग स्थल निर्माण की परियोजना तैयार किए जाने हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने भारत माला परियोजना के प्रथम चरण के तहत इस क्षेत्र में मंडी तक सड़क निर्माण की परियोजना की प्रति की भी जानकारी ली।
भ्रमण के दौरान श्री संधु ने धराली में मत्स्य विभाग के सहयोग से स्थानीय युवक अनिल राणा द्वारा रेनबो एवं गोल्डन ट्राउट पालन की परियोजना का भी निरीक्षण कर इस परियोजना की सफलता की सराहना की और क्षेत्र में ऐसी अन्य इकाईया स्थापित किए जाने पर जोर दिया। हषिर्ल में भी श्री संधु ने सेना के जवानों से भेंट कर उनका हालचाल पूछा और जवानों की हौसला बढ़ाया।

इस दौरान जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला, उप जिलाधिकारी भटवाड़ी चतर सिंह चौहान, गंगोत्री नेशनल पार्क के उप निदेशक रंगनाथ पांडेय, भारतीय सेना के मेजर नीतीश छिब्बर, आई.टी.बी.पी. के डिप्टी कमांडेंट अमित कुमार एवं अवधेश नारायण, सीमा सड़क संगठन के मेजर बीनू वी.एस., पर्यटन अधिकारी जयपाल सिंह, स्वास्थ्य विभाग के डा.सुबेग सिंह, सहित अनेक अधिकारी उपस्थित रहे।

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