देहरादून
मुख्यमंत्री धामी ने शुक्रवार को शिक्षा निदेशालय ननूरखेड़ा में प्रारंभिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत चयनित 236 सहायक अध्यापकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। प्रारंभिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत प्रथम चरण की काउंसलिंग में 473 सहायक अध्यापकों का चयन किया गया है, शेष अभ्यर्थियों को संबंधित जनपदों से नियुक्ति दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के गुणात्मक सुधार के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि खराब स्थिति वाले स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए आवश्यक धनराशि का प्रस्ताव शीघ्र भेजा जाए, इसके लिए जितनी धनराशि की आवश्यकता होगी दी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले सभी अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए कहा कि राज्य का मुख्य सेवक होने के नाते यह उनका सौभाग्य है कि जिन शिक्षकों के ऊपर राज्य के नौनिहालों के भविष्य का निर्माण करने की बड़ी जिम्मेदारी है, उन्हें नियुक्ति पत्र प्रदान करने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षक की समाज में अहम भूमिका होती है। बच्चों के भविष्य के निर्माण की जिम्मेदारी उनके कंधों पर होती है। अच्छी शिक्षा से एक बच्चा देश और समाज के लिए अनमोल धरोहर साबित होता है। बेहतर शिक्षा जीवन का सबसे मजबूत आधार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में तकनीक और नवाचार हो रहे है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नव चयनित शिक्षक जिन स्कूलों में जायेंगे उनकी ऑनरशिप लेंगे और नवाचार के कार्य करेंगे। नये शिक्षकों के आने से स्कूलों में शिक्षा के क्षेत्र में नई आशाएं जगेगीं। उन्होंने कहा कि स्मार्ट क्लास, ई-लर्निंग और डिजिटल शिक्षा, शिक्षा के महत्वपूर्ण अंग बन चुके हैं। यह सुनिश्चित किया जाए कि शिक्षण कार्य केवल पाठ्यक्रम तक सीमित न रहे, व्यक्तित्व निर्माण और नैतिक शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। जीवन का लक्ष्य तय और दिशा स्पष्ट होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों की प्रतिभा को पहचानना भी शिक्षा का महत्वपूर्ण अंग है। बच्चों को उनकी प्रतिभाओं के आधार पर तैयार करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में राज्य सरकार द्वारा 16 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियों में सेवायोजित किया गया है। गैर सरकारी क्षेत्रों में भी रोजगार मेलों के माध्यम से युवाओं को नौकरियां दी जा रही हैं।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा में 2906 पदों के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया गतिमान है। इसके तहत पहले चरण में 473 सहायक अध्यापकों को आज नियुक्ति मिली है। अब स्कूलों में शिक्षकों की संख्या काफी अच्छी हो गई है। जिन स्कूलों में दस से कम छात्र हैं, वहां एक शिक्षक रहेगा, जहां 10 से ज्यादा छात्र हैं वहां दो, जहां 40 से ज्यादा छात्र हैं वहां 3, जहां 70 से ज्यादा छात्र हैं वहां पर 4 एवं जहां 100 से ज्यादा छात्र हैं वहां 5 शिक्षक दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जहां एक शिक्षक है और अगर वह अवकाश पर जाता है तो नजदीकी विद्यालय जहां दो शिक्षक हैं, वहां से एक को उक्त विद्यालय में भेजा जाएगा। यह पूरी व्यवस्था बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा में कक्षा 1 से 12 तक त्रिस्तरीय व्यवस्था बनाई जा रही है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस बार स्थानांतरण नीति के अंतर्गत लगभग 6 हजार से ज्यादा शिक्षकों के स्थानांतरण हुए। स्थानांतरण में काउंसलिंग व्यवस्था का असर यह रहा कि जिनका ट्रांसफर हुआ वे तो खुश हैं, जिनका ट्रांसफर नहीं हुआ वो भी खुश हैं। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री एवं सम्पूर्ण कैबिनेट का आभार जताया। उन्होंने कहा कि पात्र शिक्षकों की शीघ्र पदोन्नति के लिए भी सरकार कोई न कोई रास्ता निकालने जा रही है। गेस्ट फैकल्टी कि मांगों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि प्रयास किया जा रहा है कि उनको अपना जनपद मिल जाए। इनकी वेतन वृद्धि से जुड़ी मांग पर भी विचार किया जा रहा है।
इस अवसर पर सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव रंजना राजगुरू, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक विद्यालयी शिक्षा अजय कुमार नौडियाल व शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले सभी अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए कहा कि राज्य का मुख्य सेवक होने के नाते यह उनका सौभाग्य है कि जिन शिक्षकों के ऊपर राज्य के नौनिहालों के भविष्य का निर्माण करने की बड़ी जिम्मेदारी है, उन्हें नियुक्ति पत्र प्रदान करने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षक की समाज में अहम भूमिका होती है। बच्चों के भविष्य के निर्माण की जिम्मेदारी उनके कंधों पर होती है। अच्छी शिक्षा से एक बच्चा देश और समाज के लिए अनमोल धरोहर साबित होता है। बेहतर शिक्षा जीवन का सबसे मजबूत आधार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में तकनीक और नवाचार हो रहे है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नव चयनित शिक्षक जिन स्कूलों में जायेंगे उनकी ऑनरशिप लेंगे और नवाचार के कार्य करेंगे। नये शिक्षकों के आने से स्कूलों में शिक्षा के क्षेत्र में नई आशाएं जगेगीं। उन्होंने कहा कि स्मार्ट क्लास, ई-लर्निंग और डिजिटल शिक्षा, शिक्षा के महत्वपूर्ण अंग बन चुके हैं। यह सुनिश्चित किया जाए कि शिक्षण कार्य केवल पाठ्यक्रम तक सीमित न रहे, व्यक्तित्व निर्माण और नैतिक शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। जीवन का लक्ष्य तय और दिशा स्पष्ट होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों की प्रतिभा को पहचानना भी शिक्षा का महत्वपूर्ण अंग है। बच्चों को उनकी प्रतिभाओं के आधार पर तैयार करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में राज्य सरकार द्वारा 16 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियों में सेवायोजित किया गया है। गैर सरकारी क्षेत्रों में भी रोजगार मेलों के माध्यम से युवाओं को नौकरियां दी जा रही हैं।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा में 2906 पदों के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया गतिमान है। इसके तहत पहले चरण में 473 सहायक अध्यापकों को आज नियुक्ति मिली है। अब स्कूलों में शिक्षकों की संख्या काफी अच्छी हो गई है। जिन स्कूलों में दस से कम छात्र हैं, वहां एक शिक्षक रहेगा, जहां 10 से ज्यादा छात्र हैं वहां दो, जहां 40 से ज्यादा छात्र हैं वहां 3, जहां 70 से ज्यादा छात्र हैं वहां पर 4 एवं जहां 100 से ज्यादा छात्र हैं वहां 5 शिक्षक दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जहां एक शिक्षक है और अगर वह अवकाश पर जाता है तो नजदीकी विद्यालय जहां दो शिक्षक हैं, वहां से एक को उक्त विद्यालय में भेजा जाएगा। यह पूरी व्यवस्था बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा में कक्षा 1 से 12 तक त्रिस्तरीय व्यवस्था बनाई जा रही है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस बार स्थानांतरण नीति के अंतर्गत लगभग 6 हजार से ज्यादा शिक्षकों के स्थानांतरण हुए। स्थानांतरण में काउंसलिंग व्यवस्था का असर यह रहा कि जिनका ट्रांसफर हुआ वे तो खुश हैं, जिनका ट्रांसफर नहीं हुआ वो भी खुश हैं। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री एवं सम्पूर्ण कैबिनेट का आभार जताया। उन्होंने कहा कि पात्र शिक्षकों की शीघ्र पदोन्नति के लिए भी सरकार कोई न कोई रास्ता निकालने जा रही है। गेस्ट फैकल्टी कि मांगों के संदर्भ में उन्होंने कहा कि प्रयास किया जा रहा है कि उनको अपना जनपद मिल जाए। इनकी वेतन वृद्धि से जुड़ी मांग पर भी विचार किया जा रहा है।
इस अवसर पर सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव रंजना राजगुरू, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक विद्यालयी शिक्षा अजय कुमार नौडियाल व शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।