CM धामी के लखनऊ विश्वविद्यालय के मित्र प्रो रावत की कविता “पुष्कर: परिश्रम से पराक्रम तक”

CM Pushkar Singh Dhami उत्तराखंड साहित्य

“पुष्कर: परिश्रम से पराक्रम तक”

त्याग अमिट महान किया,
दुष्कर लक्ष्य आसान किया
जन जन के लिए पुष्कर ने,
स्वहित को बलिदान किया।
कोई शिकवा ना कोई गिला,
अमृत हो या चाहे गरल मिला।
पुष्कर कर्म की आहुति से,
उत्तराखंड में कमल खिला।
कर्म सदा निष्काम किया,
प्रगति को नया आयाम दिया।
अमिट हौंसलों के पुष्कर को,
जनमानस ने प्रणाम किया।
ना अपना गौरव गान किया,
कर्म मात्र का आह्वान किया।
विकास के पथ पर पुष्कर ने,
हौसलों को आसमान किया।
कभी ना कोई खेद किया,
एक लहू और स्वेद किया।
पुष्कर जैसे पराक्रम ने,
हर लक्ष्य को भेद दिया।
पर्वत पर्वत क्या शैल शिखर,
रात्रि दिवस का कोई प्रहर।
पुष्कर तप के प्रयासों से,
देव भूमि गयी और निखर।
संघर्षो का चाहे पथ मिले,
पर जनता को मनोरथ मिले।
संगठन के हर सेनानी को,
पुष्कर कर्म की शपथ मिले।
सुखद कितना एहसास मिला,
पुष्कर जैसा विश्वास मिला ।
उत्तराखंड के जन मानस को,
उम्मीदों का आकाश मिला ।
जय जय बद्री विशाल हो,
सदा आनंद की बग्वाल हो ।
नेतृत्व में पुष्कर सिंह धामी के
देवभूमि खुशहाल हो ।।

प्रो. सत्यव्रत सिंह रावत
प्राचार्य, हिन्दू कॉलेज, मुरादाबाद

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