भारतीय नौसेना का जहाज तबर रूस की पांच दिवसीय सद्भावना यात्रा और रूसी नौसेना के 325वें नौसेना दिवस समारोह में भाग लेने के लिए सेंट पीटर्सबर्ग पहुंचा। भारत और रूस के बीच विशेष द्विपक्षीय संबंध हैं जो अनेक दशक पहले से चले आ रहे हैं। इनमें दोनों नौसेनाओं के बीच घनिष्ठ सैन्य संबंध और करीबी सहयोग शामिल हैं।
आईएनएस तबर एक तलवार श्रेणी का स्टील्थ फ्रिगेट है और भारतीय नौसेना के पश्चिमी बेड़े का हिस्सा है जो पश्चिमी नौसेना कमान के तहत मुंबई में स्थित है। संयोग से यह जहाज रूस में भारतीय नौसेना के लिए बनाया गया था और अप्रैल 2004 में सेंट पीटर्सबर्ग में इसको कमीशन किया गया। वर्तमान में जहाज की कमान कैप्टन महेश मंगीपुडी के पास है और इसमें 300 से अधिक नौसेना कर्मी तैनात हैं। जहाज हथियारों और सेंसर्स की एक बहुमुखी रेंज से लैस है और भारतीय नौसेना के शुरुआती स्टील्थ फ्रिगेट्स में से एक है।
रूसी नौसेना दिवस परेड के दौरान, आईएनएस तबर जहाजों के कॉलम में शामिल होगा जिसकी समीक्षा रूसी संघ के राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी। समारोह के दौरान तबर पर सवार भारतीय नौसेना बैंड सिटी परेड में भी भाग लेगा। इसके अलावा सेंट पीटर्सबर्ग में उनके प्रवास के दौरान तबर के चालक दल के सदस्य रूसी नौसेना के साथ विभिन्न द्विपक्षीय पेशेवराना बातचीत में भाग लेंगे। इसके बाद दोनों नौसेनाओं के बीच समुद्र में नौसैनिक अभ्यास होगा। यह भारतीय नौसेना और रूसी नौसेना के बीच युद्धाभ्यास इंद्रा नामक नौसैनिक अभ्यासों की स्थापित श्रृंखला का हिस्सा होगा। बंदरगाह पर होने वाली बातचीत और समुद्र में अभ्यास का उद्देश्य दोनों नौसेनाओं के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को मजबूत करना है। यह संबंध समुद्री सुरक्षा को और बढ़ाने और समुद्री खतरों के खिलाफ संयुक्त अभियान चलाने का प्रयास करते हैं। ये बातचीत दोनों पक्षों को एक-दूसरे की नौसेना में अपनाई जाने वाली ‘सर्वोत्तम प्रथाओं’ को देखने और आत्मसात करने का एक अवसर प्रदान करेगी।