स्वदेशी रूप से विकसित किये गए आईओटी सेंसर सलूशन उत्पाद भारत को सेंसर व संबंधित उपकरणों के निर्माण के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने में सहायता करेंगे – अल्केश कुमार शर्मा

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New Delhi
अल्केश कुमार शर्मा ने त्रिशूर के सी-मेट में विकसित इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) सेंसर उपकरणों का शुभारंभ किया

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इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के सचिव श्री अलकेश कुमार शर्मा ने आज तीन आईओटी सेंसर आधारित उपकरणों का शुभारंभ किया। जिसमें “स्मार्ट डिजिटल थर्मामीटर”, “इंटरनेट ऑफ थिंग्स में सक्षम पर्यावरण निगरानी प्रणाली” और “मल्टीचैनल डाटा अधिग्रहण प्रणाली” शामिल हैं, जिसे सी-मेट द्वारा आईआईओटी के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस- सीओई में विकसित किया गया है। मैसर्स मुराता बिजनेस इंजीनियरिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को “मल्टीचैनल डाटा अधिग्रहण प्रणाली” का प्रौद्योगिकी हस्तांतरण भी इसी समारोह में किया गया।

श्री अलकेश कुमार शर्मा ने इस कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने देश में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए समाज की आवश्यकताओं तथा सरकार की पहल पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अनुसंधान एवं विकास के महत्व का उल्लेख किया। सेंसर प्रणाली उद्योग जगत में सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले घटकों में से एक हैं और वाणिज्यिक उपयोग हेतु तैयार प्रणालियों एवं उपकरणों को विकसित करने के लिए आईओटी सेंसर पर ट्रांसलेशनल रिसर्च के माध्यम से सी-मेट के प्रयास सरकार के आत्मनिर्भर भारत मिशन के अनुरूप हैं। श्री अलकेश कुमार शर्मा ने कहा कि स्वदेशी रूप से विकसित इंटरनेट ऑफ थिंग्स सेंसर समाधान भारत को सेंसर व उपकरणों के निर्माण के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने में सहायता करेंगे।

सेंसर इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) के माध्यम से दुनिया में कहीं भी डाटा का पता लगा सकते हैं, महसूस करा सकते हैं, प्रतिक्रिया दे सकते हैं और डाटा भेज सकते हैं। वर्तमान सेंसर प्रणाली ने स्मार्ट शहरों और इंटेलीजेंट सिस्टमस जैसी अवधारणाओं के आगमन के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स के बाजार में क्रांति ला दी है। आईओटी सक्षम सेंसर को इंटरनेट कनेक्टिविटी के माध्यम से दूर बैठ कर कहीं से मॉनिटर और नियंत्रित किया जा सकता है। सेंसर स्मार्ट डिवाइस और सिस्टम का ह्रदय होते हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स में प्रौद्योगिकी के लिए त्रिशूर का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सी-मेट) भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत कार्यरत एक अनुसंधान एवं विकास संस्थान है। यह भारत का ऐसा प्रमुख केंद्र है, जो इलेक्ट्रॉनिक सामग्री, घटकों एवं उपकरणों के विकास में लगा हुआ है। सी-मेट ने कई स्वदेशी तकनीकों का विकास किया है और व्यावसायीकरण के लिए उन्हें उद्योगों को हस्तांतरित भी किया है। “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन इंटेलीजेंट आईओटी सेंसर्स” कार्यक्रम के तहत, सी-मेट ने तीन आईओटी सेंसर आधारित उपकरण विकसित किए हैं, जिनमें “स्मार्ट डिजिटल थर्मामीटर”, “इंटरनेट ऑफ थिंग्स में सक्षम पर्यावरण निगरानी प्रणाली” और “मल्टीचैनल डाटा अधिग्रहण प्रणाली” शामिल हैं। सचिव श्री अलकेश कुमार शर्मा द्वारा लॉन्च किए गए इन उपकरणों से भारतीय उद्योग जगत को स्वदेशी समाधानों के साथ वैश्विक सेंसर बाजार का पता लगाने में मदद मिलने की उम्मीद है।

इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में समूह समन्वयक  सुनीता वर्मा, मेसर्स मुराता बिजनेस इंजीनियरिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के महाप्रबंधक थाचट रागश मेनन, सी-मेट त्रिशूर में महानिदेशक डॉ. बी.बी. काले, सी-मेट त्रिशूर के निदेशक डॉ. एन. रघु और सी-मेट त्रिशूर में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. ए. सीमा ने भी इस अवसर पर संबोधित किया।

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