तकनीक के उपयोग ने प्रसार भारती के कामकाज को पूरी तरह बदल दिया है। वहां काम की परिस्थितियां अब पहले जैसी नहीं रही क्योंकि दो साल से भी कम समय में दूरदर्शन, आकाशवाणी के 577 केन्द्रों और 22,348 कर्मचारियों ने ई-ऑफिस आधारित कामकाज के तरीके को अपना लिया है।
प्रसार भारती में ई-ऑफिस के माध्यम से अच्छी तरह से स्थापित सूचना – प्रौद्योगिकी आधारित कार्य संरचना इस महामारी के दौरान उस समय सुविधाजनक साबित हुई जब देशभर के कर्मचारियों को लॉकडाउन के दौरान और उसके बाद कई तरह की सीमाओं के भीतर रहकर काम करना पड़ा।
प्रसार भारती के कामकाज को अधिक कुशल और कागज-रहित बनाने के दृष्टिकोण के साथ, अगस्त 2019 में ई-ऑफिस की शुरूआत की गई थी। देशभर में प्रसार भारती के 577 केन्द्रों में से 10 प्रतिशत ने 2019 (अगस्त-दिसंबर) में ई-ऑफिस को अपनाया, 2020 में 74 प्रतिशत ने और शेष 16 प्रतिशत 18 जून, 2021 तक इससे जुड़ गए।
इस संस्थान के कामकाज में जो गति और पारदर्शिता आई है, उसके तहत अब तक 50 हजार से अधिक ई-फाइलें बनाई गई हैं और प्रत्येक फाइल की ताजा स्थिति ऑनलाइन उपलब्ध है। आंतरिक स्तर पर, संबंधित विभाग अपनी फाइलों के बारे में पता लगा सकते हैं, चाहे वह आवाजाही वाले चरण में हो या भेजी गई गई हो या बंद हो चुकी हो।
औसतन, कागज वाली एक फाइल को निपटाने की पूरी प्रक्रिया में लगभग एक सप्ताह का समय लगता था। लेकिन ई-ऑफिस के माध्यम से, इस अवधि को घटाकर औसतन 24 घंटे तक ला दिया गया है। कभी-कभी तो एक फाइल कुछ घंटे में भी निपटा दी जाती है।
इसके परिणामस्वरूप, लगभग पिछले दो वर्षों में निपटाई गई फाइलों की कुल मात्रा और इसी अवधि के दौरान हर महीने निपटाई गई फाइलों की औसत संख्या में उल्लेखनीय उछाल आया है।
सबसे अधिक ई-फाइलें बनाने और उन्हें निपटाने के मामले में प्रसार भारती (आकाशवाणी – दूरदर्शन) के शीर्ष 10 कार्यालय निम्नलिखित हैं:
कार्यालय | अगस्त, 2019 से निपटाई गई ई-फाइलों की कुल संख्या | अगस्त, 2019 से निपटाई गई ई-फाइलों का मासिक औसत |
सीईओ कार्यालय | 11,186 | 500+ |
डीजी डीडी कार्यालय | 6897 | 300+ |
डीजी आकाशवाणी कार्यालय | 5973 | 270+ |
डीजी डीडी समाचार कार्यालय | 3872 | 170+ |
डीजी आकाशवाणी समाचार कार्यालय | 721 | 30+ |
तकनीकी विभाग के प्रमुख | 3351 | 150+ |
मानव संसाधन विभाग के प्रमुख | 13,331 | 600+ |
प्रशासन विभाग के प्रमुख | 6121 | 275+ |
संचालन विभाग के प्रमुख | 2751 | 125+ |
वित्त विभाग के प्रमुख | 3533 | 160+ |
इस पहल ने प्रसार भारती के कामकाज को कागज रहित बना दिया है। इसने अगस्त 2019 से लेकर जून 2021 के बीच कागज के ऊपर किए जाने वाले संस्थान के खर्च में 45% तक की बचत की है। कार्बन उत्सर्जन को कम करने के अलावा, कागज रहित कामकाज ने इस महामारी के दौरान रिमोट वर्किंग, वर्क फ्रॉम होम आदि के माध्यम से कोविड से सुरक्षा को भी बढ़ाया है, जिससे संक्रमण की संभावना कम हुई है।