आज़ादी का अमृत महोत्सव की भावना के अनुरूप भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने “स्माइल-75 पहल” नाम वाली योजना स्माइल: आजीविका और उद्यम के लिए हाशिए पर रहने वाले लोगों की मदद” के तहत भीख मांगने में लगे लोगों के समग्र पुनर्वास को लागू करने के लिए 75 नगर निगमों की पहचान की है।
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार 12.08.2022 को दोपहर 02:00 बजे नई दिल्ली में निज़ामुद्दीन मेट्रो स्टेशन के पास एक रैन बसेरा में सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री श्री ए. नारायणस्वामी की उपस्थिति में “स्माइल-75 पहल” का शुभारम्भ करेंगे। ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड के माध्यम से इस राष्ट्रव्यापी शुभारम्भ में चिन्हित किए गए 75 नगर निगम, भिक्षावृत्ति के क्षेत्र के विशेषज्ञ और प्रख्यात गैर सरकारी संगठन भाग लेंगे।
स्माइल-75 पहल के तहत, गैर सरकारी संगठनों और अन्य हितधारकों के सहयोग से पचहत्तर (75) नगर निगम भीख मांगने में लगे लोगों के लिए कई व्यापक कल्याणकारी उपायों को लागू करेंगे जिसमें पुनर्वास, चिकित्सा सुविधाओं के प्रावधान, परामर्श, जागरूकता, शिक्षा, कौशल विकास, आर्थिक संबंध और अन्य सरकारी कल्याण कार्यक्रमों को मिलाने पर व्यापक रूप से ध्यान देना शामिल है।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 2025-26 तक आने वाले वर्षों के लिए स्माइल परियोजना के लिए कुल 100 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। इस परियोजना के माध्यम से, मंत्रालय भीख मांगने में लगे लोगों के समग्र पुनर्वास के लिए एक सहायक तंत्र विकसित करने और एक ऐसे भारत का निर्माण करने की परिकल्पना करता है जहां कोई भी व्यक्ति जीवित रहने और अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए भीख मांगने के लिए मजबूर न हो।
स्माइल-75 पहल का उद्देश्य हमारे शहरों/कस्बों और नगरपालिका क्षेत्रों को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने और विभिन्न हितधारकों के समन्वित प्रयास के माध्यम से भीख मांगने में लगे लोगों के समग्र पुनर्वास की रणनीति बनाना है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय इस स्थायी सामाजिक मुद्दे को ठोस प्रयासों से हल करने के लिए स्थानीय शहरी निकायों, नागरिक समाज संगठनों/गैर-सरकारी संगठनों की महत्वपूर्ण भूमिका की जरूरत को समझता है।
भारत सरकार ने बेसहारा और भिक्षावृत्ति की समस्या को मान्यता दी है और स्माइल (आजीविका और उद्यम के लिए सीमांत लोगों की मदद) की एक व्यापक योजना तैयार की है जिसमें भीख मांगने में लगे लोगों के लिए समग्र पुनर्वास की एक उप-योजना शामिल है। इस उप-योजना में उनकी पहचान, पुनर्वास, चिकित्सा के प्रावधान, परामर्श और शिक्षा, अच्छी नौकरी के लिए कौशल विकास और स्वरोजगार/उद्यमिता शामिल हैं।