मसूरी। तिलक मेमोरियल लाइब्रेरी में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक व चद्रशेखर आजाद की जयंती पर उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर मनाई गई। इस मौके पर देश की आजादी में उनके द्वारा किए गये योगदान को याद किया गया व उनके जीवन से प्रेरणा लेकर मजबूत भारत निर्माण को प्राथमिकता दें।
तिलक लाइब्रेरी में आयोजित कार्यक्रम में तिलक मेमोरियल लाइब्रेरी इंस्टीटयूट के अध्यक्ष आलोक मेहरोत्रा ने कहा कि बाल गंगाधर तिलक ने देश की आजादी में अहम योगदान दिया। उन्होंने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ आंदोलनों में भाग लिया व लाला लाजपत राय, विपिनच्रद पाल के साथ मिलकर गरम दल का प्रतिनिधित्व किया जिसे लाल बाल पाल के नाम से जाना जाता था। उन्होंने आजादी के लिए कई बार जेल गये व ब्रिटिश सरकार की यातनाएं सही। उन्होंने केसरी नाम से अखबार चलाया जिसमें खुले आम ब्रिटिश सरकार का विरोध करने पर उन्हें जेल भेज दिया गया। साथ ही वह समाज सुधारक भी थे। वह हमेशा पूर्ण स्वराज के हिमायती रहे। वह अंहिसा में पुजारी थे, उनके जीवन से प्रेरणा लेकर जीवन में उतारे, वहीं चंद्र शेखर आजाद ने देश की आजादी में अहम योगदान दिया वह क्रांतिकारी थे व खुद अपने को गोली मार कर शहीद हो गये ताकि ब्रिटिश फौज के हाथों न आ सके। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के लिए अपनी जान कुर्बान करने वालों को याद किया जाना चाहिए। इस मौके पर समीर शुक्ला ने कहा कि तिलक ने आजादी के आंदोलन में सक्रिय भागीदारी की व स्वंतत्रता हमार जन्म सिद्ध अधिकार है का नारा दिया वहीं वह शिक्षाविद, समाज सुधारक व प्रखर राष्ट्रवादी भी थे। वहीं चंद्र शेखर आजाद ने देश की आजादी के लिए अपना बलिदान दिया तथा वह शहीद भगत सिंह, सुखदेव व राजगुरू की विचारधारा से प्रभावित थे व उसी को आगे बढाया जो युवाओं को प्रेरित करती थी। दोनो का आजादी में अहम योगदान रहा उनसे प्रेरणा लेकर भारत को मजबूत बनाने में योगदान दें। इस मौके पर तिलक लाइब्रेरी के सचिव राकेश अग्रवाल, अवंतिका आर्य, समर्थ, रमेश बंधानी, बिजेंद्र पुंडीर, प्रवीन कुमार गोयल, युवान,विंद्रा सिंह व ललिता लेखवार आदि मौजूद रहे।