मसूरी
पर्वतीय बिुगुल फिल्म के बैनर तले गढवाल के भावनात्मक रिश्तों पर बनी गढवाली फिल्म पितृकुडा कार्निवाल रिटज सिनेमा हाॅल में रिलीज की गई। इस मौके पर मुख्य अतिथि मसूरी व्यापार संघ के अध्यक्ष रजत अग्रवाल थे। उन्होंने आहवान किया कि इस फिल्म को जरूर देखें। जिसमें पहाड़ की अपने पित्रों के प्रति श्रद्धा का भाव प्रदर्शित किया गया। फ़िल्म रिवर्स पलायन को प्रेरित करती है।
रिटज सिनेमा में गढवाली फिल्म पितृकुडा के उदघाटन के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि रजत अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखंड में अभी फिल्मों को देखने के प्रति उत्साह नजर नहीं आता। जबकि इसके पीछे कड़ी मेहनत रहती है। उन्होंने कहा कि उन्होंने भी गढवाली फिल्मों का निर्माण किया जबकि अन्य प्रदेशों की भाााओं में बनी फिल्में अच्छा व्यवसाय करती हैं जिसमें साउथ, भोजपुरी व पंजाबी फिल्मे बहुत अच्छा व्यवसाय करती है जबकि उत्तराखंड में ऐसा नहीं है इससे जहां अपनी संस्कृति व परंपराओं को बचाने के लिए फिल्में बनाई जाती है लेकिन उन्हें देखने वालों की कमी देखी गई है। उन्होंने आहवान किया कि जब भी गढवाली या उत्तराखंड की कोई भी फिल्म बने उसे देखने जरूर जाये ताकि यहंा के निर्माताओं व कलाकारों का मनोबल बढा रहे। इससे पूर्व फिल्म के निर्माता निर्देशक प्रदीप भंडारी ने फिल्म के बारे में विस्तार से जानकारी दी कि फिल्म हमारी परंपराओं को दर्शाती है व इससे नई पीढी को जरूर देखना चाहिए। इसमें पलायन के दर्द को भी दिखाया गया है। पहाड़ों में नेपालियों की भूमिका को भी रेखांकित किया गया। उन्होंने बताया कि यह फिल्म निश्चित की लोगों के दिलोें को छूएगी। इस मौके पर फिल्म निदेशक अशोक चौहान, रवि मंमगाई व भाजपा संस्कृति प्रकोठ के अध्यक्ष राजेंद्र रावत ने भी अपने विचार व्यक्त किये । और कहा कि यह फिल्म हमारी भावनाओं को छूने वाली है वहीं आहवान किया कि इस फिल्म को आम जनता तक पहुंचाने का प्रयास करें व प्रोत्साहित करें। फिल्म का शो समाप्त होने पर दर्शकों ने बताया कि यह फिल्म बहुत अच्छी बनी है तथा फिल्म के कई क्षण ऐसे भावुक करने वाले थे जिसने दर्शकों को भावविभोर कर दिया व सभी ने फिल्म की जमकर सराहना की व कहा कि जिस गंभीर विाय पर यह फिल्म बनाई गई उसने हर किसी के अंतर मन को छू लिया फिल्म में कही भी रूकावट नहीं देखी गई बल्कि निरंतरता बनी रही व दर्शकों को अंत तक बांधे रखा। इस मौके पर जयदेव भटटाचार्य, फिल्म के नायक शुभ चंद्रा, नायिका शिवानी भंडारी, कंैमरामैन नागेंद्र प्रसाद, सहायक निदेशक विजय भारती, लेखराज, सह निर्माता कमलेश भंडारी, प्रेरणा भंडारी, नागेद्र उनियाल, शिव अरोडा, आरपी बडोनी, देवी गोदियाल, जितेंद्र अंथवाल ,गिरीश ढोण्डियाल, रेखा ढोण्डियाल, रीता खुल्लर, नर्मदा नेगी, पुष्पा पुंडीर सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे।