श्रीमद भगवत कथा में  प्रीतम के जागरों पर मंत्रमुग्ध हुए श्रोता

मसूरी

मसूरी। राधाकृष्ण मंदिर में आयोजित श्रीमद भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन कथा व्यास कपिल देव शास्त्री ने देवहूति संवाद का विस्तार से वर्ण किया व बताया कि देवहूति को कपिल ने गीता का ज्ञान देकर उनका उद्धार किया। वहीं बाल व्यास अर्जित नारायण ने श्लोकों व प्रवचन से भक्तो का मन मोहा। वही कथा में शामिल होने आये जागर सम्राटकथा प्रीतम भर्तवाण के जागरों पर श्रोता मंत्रमुग्ध हुए
कथा के तीसरे दिन व्यास कपिल देव शास्त्री ने दक्ष प्रजापति के यज्ञ की कथा में माता सती के देह त्याग का मार्मिक वर्णन प्रस्तुत किया वहीं धु्रव चरित्र की कथा में उन्होंने कहा कि भक्ति की कोई उम्र नहीं होती व मात्र पांच साल की छोटी उम्र में बालक धु्रव ने भगवान नारायण को प्राप्त किया और 60 हजार वर्षों तक इस धरा पर राज्य किया तथा मृत्यु आने से पहले अटल धु्रवपद को प्राप्त किया। उन्होने कहा कि भगवान का स्मरणं करने व उनकी भक्ति करने वाले ही भवसागर से पार हो सकते हैं। कथा के दौरान पदमश्री प्रीतम भर्तवाण ने भी अपने भजनों से श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। इस मौके पर आचार्य सुनील नौटियाल, संदीप जोशी, अनिल गोदियाल, शेखर सेमवाल, नागेद्र उनियाल, नरेंद्र पडियार, देवेंद्र उनियाल, राजेंद्र रावत,  विपिन, कुशाल राणा, आशीष जोशी, विजय बिंदवाल, अंशुल उनियाल, उषा उनियाल, सोनी, प्रमिला नेगी, पुष्पा पडियार, राजेश्वरी नेगी, सीता पंवार, लक्ष्मी उनियाल, रजनी गोदियाल आदि मौजूद रहे।

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