नगर के जन संगठनों ने एनजीटी के आदेश के खिलाफ मुख्यमंत्री को ज्ञापन दे क्रमवार आंदोलन की घोषणा की

उत्तराखंड जन समस्या मसूरी

मसूरी। एनजीटी कोर्ट के आदेश के बाद मसूरी में पानी की समस्या को देखते हुए मसूरी टेªडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन, मजदूर संघ, एटक, होम स्टे एसोसिएशन, मसूरी पानी टैंैैकर एसोसिएशन व भाकपा ने क्रम बद्ध आंदोलन की घोषणा की है व प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर मांग की है कि मसूरी की पानी की समस्या का निदान किया जाय।
एनजीटी के आदेश के बाद पानी की समस्या पर विभिन्न संगठनों ने बैठक की व उसके बाद एसडीएम कार्यालय जाकर एसडीएम के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया व क्रमबद्ध आंदोलन की घोषणा की। जिसमें अवगत कराया गया कि मसूरी में 322 पंजीकृत होटल हैं, 245 पंजीकृत होम स्टे हैं, अनेक गेस्ट हाउस हैं और लगभग 5600 उत्तराखंड जल संस्थान के उपभोक्ता हैं। मसूरी एक पर्यटन नगरी है और यहां का सारा व्यवसाय और रोज़गार पर्यटन पर निर्धारित है। मसूरी में साल भर में संपूर्ण विश्व से लगभग 25 लाख पर्यटक मसूरी घूमने आते हैं और समस्त उत्तराखंड वासियों की अर्थव्यवस्था और रोजगार में सहयोग करते हैं। मसूरी से कम से कम 200 करोड़ के राजस्व का सहयोग भी प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मिलता है। मसूरी में 14 एमएलडी पानी की आवश्यकता रहती है और उत्तराखंड जल संस्थान, मसूरी के पास सिर्फ 7 एमएलडी पानी की उपलब्धता है जिसको वह कनेक्शन द्वारा उपभोगताओं को देते हैं बाकी 7 एमएलडी पानी की उपलब्धता मसूरी के आस पास के पानी के प्राकृतिक श्रोत से निजी पानी के टैंकर द्वारा होती आई है। इसी प्रकार से मसूरी में पूर्ण रूप से रिहाइशी और व्यवसायिक उपभोक्ताओं को पानी की पूर्ती होती हैं। हाल ही में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, नई दिल्ली, द्वारा निर्देश देते हुए मसूरी में झील के निकट एक प्राकृतिक पानी के श्रोत से पानी लेने पर एकाएक रोक लगा दी गयी है जो मसूरी के उपभोक्ता, रिहाइशी और व्यवसायिक सभी के लिए परेशानी है और उत्पीड़न है। मसूरी में अधिकांश पानी की कमी दशकों से प्राकृतिक श्रोतों से ही पूरी होती आई है। ऐसे निर्देश से समस्त मसूरी निवासियों में भय का माहौल है और साथ में पानी न मिलने से पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को परेशान होना सुनिश्चित है व संपूर्ण उत्तराखंड प्रदेश और मसूरी की छवि खराब होना निश्चित है। ज्ञापन में कहा गया कि यदि 15 फरवरी तक प्रदेश सरकार, जिला प्रशासन और जल संस्थान द्वारा पानी की आई कमी के लिये सुचारू कदम और निर्देश नहीं दिये गये तो क्रमवार जन आंदोलन किया जायेगा। जिसके तहत 15 फरवरी को गांधी चैक पर मौनव्रत, 16 फरवरी को शहीद स्थल पर धरना प्रदर्शन, 17 फरवरी को क्रिके्रग में चक्का जाम किया जायेगा। ज्ञापन देने वालों में मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल, महामंत्री जगजीत कुकरेजा, नागेद्र उनियाल, मजदूर संघ, मसूरी के अध्यक्ष व भाकपा के देवी गोदियाल, मसूरी होम स्टे एसोसिएशन मसूरी के रमेश भटट, ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कॉंग्रेस के आरपी बडोनी, टैंकर एसोसिएशन के साब सिंह थापली आदि मौजूद रहे।

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