मसूरी। आरक्षण बचाओ संयुक्त मोर्चा उत्तराखंड ने नारेबाजी करने के बाद एसडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कानून मंत्री, अध्यक्ष राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, व राष्ट्रीय अध्यक्ष जनजाति आयोग को ज्ञापन देकर मांग की है कि सर्वोच्च न्यायाल के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के कोटे के अंदर कोटा व कोटे के अंदर क्रीमी लेयर लागू करने के आदेश को रदद करवाने व पूर्व की भांति आरक्षण बरकरार रखने की मांग की है।
आरक्षण बचाओ संयुक्त मोर्चा के बैनर तले अनुसूचित जाति व जनजाति के लोग अंबेडकर चैक पर एकत्र हुए वहां से एसडीएम कार्यालय जाकर ज्ञापन दिया। ज्ञापन में मांग की गई कि देश के बहुसंख्यक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति को पूर्व की भांति कोटा व्यवस्था लागू की जाय व सर्वोच्च न्यायालय के आदेश को रदद किया जाय। सर्वोच्च न्यायालय ने एक अगस्त 24 को निर्णय दिया कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति समाज में उपवर्गीय एवं क्रीमी लेयर निर्धारित करने का अधिकारी राज्यों को दिया जाय जिससे पंूरे देश के अनुसूचित जाति व जनजाति के लोग प्रभावित हो रहे हैं, जबकि वर्गीकरण का अधिकारी राज्यों को देना संविधान प्रदत्त नहीं है। जबकि यह अधिकार संसद को है। अगर यह अधिकार राज्यों को दिया गया तो एक वर्ग के भीतर ही नया संघर्ष शुरू हो जायेगा व यह वर्ग दो भागों में बंट जायेगा। इस मौके पर शहर कांगे्रस अध्यक्ष अमित गुप्ता ने कहा कि हाल में सर्वोच्च न्यायालय ने जो ओदश दिया उससे कोटे पर कोटा किया जायेगा जो जनहित में नहीं है, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लगातार जातीय जनगणना की मांग कर रहे है तभी पता चल सकेगा की आरक्षण का लाभ किसको मिल रहा है। वहीं जवर वर्मा ने कहा कि देश में जो आरक्षण है उसमें भी लोग नहीं मिल पा रहे हैं ऐसे मे अगर वर्गीकरण किया जायेगा तो इसका लाभ अन्य लोगों को पहुचेगा जो कि समाज के लिए घातक होगा। ज्ञापन देने वालों में जबर वर्मा, सरदार वर्मा, अरविंद सोनकर, शहर कांग्रेस अध्यक्ष अमित गुप्ता, जसबीर कौर, मुन्ना कुमार सहित समाज के लोग मौजूद रहे।