देहरादून : मुख्यमंत्री धामी शनिवार को गंगा रिजोर्ट ऋषिकेश में आयोजित रैबार एक नये उत्तराखण्ड कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने ‘‘रैबार एक नये उत्तराखण्ड का’’ कार्यक्रम को देवभूमि का संदेश बताते हुए इस आयोजन में हुए विचार मंथन को राज्य के विकास की संभावनाओं को दिशा देने वाला बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी वे पहाड़ों की ओर देखते हैं तो उन्हें साहस, ईमानदारी, चिरंतन विश्वास एवं देवीय प्रकाश की प्रतिध्वनि सुनाई देती है। पहाड़ की ये प्रतिध्वनि एवं गंगा की अविरल धारा हमें विकास की प्रेरणा भी प्रदान करती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे आयोजन विकास में एकरूपता, निरंतरता तथा परिस्थितियों को अनुकूल बनाने का भी कार्य करते हैं। इससे राज्य के विकास की दशा व दिशा भी तैयार करने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास की ये पवित्र गंगा जन कल्याणकारी बनकर आगे बढ़ती रहे, इसके लिये हमें सहभागी बनना होगा। राज्य के विकास में किसी अकेले की नहीं बल्कि हम सबकी सामुहिक यात्रा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों की राय एवं संवाद, विकास में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पलायन, रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे तमाम मुद्दों पर आने वाले सालों में किस तरह सरकार और जनता के बीच समन्वय बनाकर कार्य किया जाए इसके लिए सरकार ने बोधिसत्व विचार श्रृंखला कार्यक्रम की शुरुआत की है। जिसके माध्यम से सरकार विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर चुके अनुभवी लोगों से सुझाव प्राप्त कर रही है। उन्होंने कहा हम बोधिसत्व कि अभी तक 4 श्रृंखलाएं आयोजित कर चुके हैं। इस कार्यक्रम के तहत अपने अपने क्षेत्र के विषय विशेषज्ञों के माध्यम से उत्तराखंड के विकास की गति को तेज करना हमारा उद्देश्य है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सी.डी.एस जनरल बिपिन रावत को नमन करते हुए समूचे राज्य की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा वीर शहीद जनरल बिपिन रावत जी का उत्तराखण्ड के लिए जो विजन था उसे हम अवश्य पूर्ण करेंगे, एवं उनके बताए हुए रास्ते पर चलेंगे साथ ही उनकी परिकल्पना के अनुसार उत्तराखण्ड के सतत विकास हेतु कार्य करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा बनाये जाने वाले सैन्य धाम में हर सम्भव मदद उनके द्वारा की गई थी।
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड राज्य उन्ही की देन है। उन्होंने कहा आज का दिन सुशासन दिवस के अवसर पर मनाया जाता है और हम इसी सुशासन की परिकल्पना को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने पेशावर कांड के महानायक वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली व पं. मदन मोहन मालवीय को भी नमन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कनेक्टिविटी से लेकर कंजर्वेशन तक, एंप्लायमेंट से लेकर वुमन एंपावरमेंट तक, ऑर्गेनिक स्टेट से लेकर स्प्रिचुअल ईको जोन तक, स्वस्थ उत्तराखंड बनाने से लेकर समृद्ध उत्तराखंड बनाने के लिए प्रधानमंत्री जी का सहयोग मिल रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश के लिए टूरिज्म, आयुष, वेलनेस, आईटी, सौर ऊर्जा और सर्विस सेक्टर पर फोकस किया गया है। ग्रामोदय से राज्य उदय के मंत्र पर कार्य करते हुए हमारे द्वारा सभी न्याय पंचायतों में क्लस्टर बेस अप्रोच पर ग्रोथ सेंटर डेवलप किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जितना भी समय राज्य के मुख्य सेवक के रूप में उन्हें मिला है, उसका पल पल राज्य के विकास के लिए समर्पित किया है। हमारा संकल्प है कि जब राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होंगे तब हम उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बना देंगे। हम विकल्प रहित संकल्प के मंत्र पर कार्य करने वाले लोग हैं सुशासन हमारा अस्त्र है और अन्त्योदय हमारा अंतिम लक्ष्य।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा हिल मेल – 2021 की 50 चर्चित शख्सियत, “शिखर पर उत्तराखंडी“ का विमोचन किया गया। सेंसर बोर्ड के प्रमुख प्रसून जोशी, एनटीआरओ प्रमुख अनिल धस्माना, शौर्य डोभाल सहित अन्य लोगों को हिल रत्न से सम्मानित भी किया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, मेयर ऋषिकेश श्रीमती अनिता ममगाई, स्वामी चिदानन्द जी महाराज, महामण्डलेश्वर विरेन्द्र गिरी महाराज एवं अन्य लोग उपस्थित रहे।