उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के पुत्र साकेत बहुगुणा समेत 18 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र का मुकदमा दर्ज

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गाजियाबाद/देहरादून

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के पुत्र साकेत बहुगुणा समेत 18 लोगों के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर गाजियाबाद में धोखाधड़ी, मारपीट, जान से मारने की धमकी और आपराधिक षड्यंत्र का मुकदमा दर्ज किया गया है।

गौरतलब है कि विजय बहुगुणा उत्तराखंड में मुख्यमंत्री रह चुके हैं और वर्तमान में भाजपा हैं। साकेत बहुगुणा के छोटे भाई सौरव बहुगुणा वर्तमान में उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। साकेत बहुगुणा कांग्रेस के टिकट पर टिहरी संसदीय क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। सौरभ  ने सौम्य स्वभाव के चलते राज्य में अपनी अलग पहचान बनाई है 

बताते चलें कि मामला 6000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का है। पुलिस ने जब इस मामले में मुकदमा दर्ज नहीं किया तो पीड़ित अमित वालिया ने गाजियाबाद की अदालत की शरण ली, जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया है। इससे उत्तराखंड की राजनीति में भूचाल आ गया है। बताया जाता है कि जब 2012 में विजय बहुगुणा को मुख्यमंत्री बनाया गया था, उस समय भी साकेत की अहम भूमिका रही। और इंडिया बुल्स ने ही विजय के विजय रथ को पार लगाया था। तब सी एम को लेकर हरीश रावत और सतपाल महाराज के बीच जंग चल रही थी। महाराज ने हरीश रावत का रास्ता रोककर विजय बहुगुणा को आगे कर दिया।

इंडिया बुल्स समेत 3 कंपनियों के 18 डायरेक्टरों पर FIR, शिप्रा समूह ने 6 हजार करोड़ की धोकाधडी का लगाया आरोप

इस घटना से उत्तराखण्ड की राजनीति फिर गर्मा गयी है। प्रदेश के पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के पुत्र साकेत बहुगुणा समेत 18 निदेशकों पर कोर्ट के आदेश पर धोखाधड़ी, जालसाजी, जान से मारने की धमकी देने, अवैध रूप से घुसपैठ करने, मारपीट करने, फर्जी दस्तावेज तैयार करने और भरोसा तोड़ने जैसे संगीन आरोपों में मुकदमा दर्ज किया है। गाजियाबाद के इंदिरापुरम पुलिस स्टेशन में यह मामला दर्ज किया है।

दो बड़े बिजनेस हाउस शिप्रा समूह व इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के बीच जारी जंग थाने तक पहुंच गई है। शिप्रा ग्रुप्स ने इंडिया बुल्स पर 6 हजार करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई है। साकेत बहुगुणा इंडिया बुल्स के डायरेक्टर हैं।

इस हाईप्रोफाइल मामले में कोर्ट के आदेश होने के बाद शिप्रा समूह ने इंडिया बुल्स समेत 3 कंपनियों के 18 डायरेक्टरों पर FIR की, शिप्रा ग्रुप की ओर से 6000 करोड़ की धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है।

गाजियाबाद में दर्ज मुकदमे की आंच उत्तराखण्ड पहुंचने पर सत्ता के गलियारों में हलचल मच गई। गौरतलब है कि 2012 में कांग्रेस काल में उत्तराखंड के सीएम बने विजय बहुगुणा 2016 में भाजपा में शामिल हो गए थे। उस दौर में साकेत बहुगुणा की प्रदेश में विशेष तौर पर तूती बोलती रही। साकेत ने राजनीति में भी हाथ आजमाने की कोशिश की थी।

विजय बहुगुणा के दूसरे पुत्र सौरभ बहुगुणा विधायकी का चुनाव जीतने के बाद धामी कैबिनेट में मंत्री हैं। और अपनी सरल कार्यशैली से अलग पहचान भी बनाए हुए हैं।

जबकि पिता विजय बहुगुणा के सीएम रहते हुए साकेत बहुगुणा सत्ता के गलियारे के केंद्र बिंदु बने हुए थे। उस समय दलालों के बोलबाले की चर्चाएं भी आम हुई थी। 2013 की केदारनाथ आपदा में कांग्रेस सरकार की असफलता व कई अन्य कारणों की वजह से कांग्रेस हाईकमान ने विजय बहुगुणा को सीएम की कुर्सी से हटाकर हरीश रावत को कमान सौंप दी थी।

2014 के लोकसभा चुनाव में साकेत बहुगुणा ने टिहरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा। लेकिन जनता ने सीधे तौर पर साकेत को नकारते हुए भाजपा प्रत्याशी को जिताया। इसके बाद साकेत बहुगुणा ने उत्तराखंड से किनारा करते हुए अपने व्यवसाय में जुट गए। 2016 में विजय बहुगुणा ने हरीश रावत सरकार को गिरा कर स्वंय भाजपा में शामिल हो गए।

2016 के बाद से विजय बहुगुणा और साकेत बहुगुणा की उत्तराखण्ड में सक्रियता भी शून्य ही रही। इस बीच, इंडिया बुल्स के 18 डायरेक्टर में शामिल साकेत बहुगुणा पर भी नामजद रिपोर्ट दर्ज हुई है। शिप्रा समूह व इंडिया बुल्स के बीच जारी 6 हजार करोड़ के घपले की जंग का नतीजा कुछ भी निकले। लेकिन पूर्व सीएम विजय बहुगुणा के बेटे साकेत का नाम आने से राजनीतिक गलियारे सरगर्म हो गए है।

पूर्व सीएम विजय बहुगुणा, सौरभ,साकेत

साकेत बहुगुुणा के अलावा जिन अन्य 17 लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ है। उनमें समीर गहलोत, गगन वांगा, अश्विनी ओमप्रकाश हुडडा, राजीव गांधी, जितेश मौर, आशीष जैन, रूप कुमार बंसल, बसंत बंसल, पंकज बंसल, विवके सिंघल, अनीता ठाकुर, सौरभ सुनील कुमार, मनोज डायरेक्टर, रविंद्र सिंह , अजय शर्मा, रमेशचंदकांत, शामिल है।

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