देहरादून
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र पोषित योजनाओं का राज्य को पूरा फायदा मिल सके, इसके लिए सभी विभाग समन्वय के साथ कार्य करें। सभी विभाग योजनाओं के सफल क्रियान्वयन की दिशा में अपनी ओर से बेस्ट परफॉर्मेंस दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम्य विकास विभाग के तहत जिन केंद्र पोषित योजनाओं के तहत कार्य हो रहे हैं, मार्च 2024 तक विभाग ने इसके लिए क्या प्लान बनाया है, वह प्लान प्रस्तुत किया जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि अवस्थापना विकास से संबंधित कार्यों में तेजी लाई जाय। कार्यदाई संस्थाओं के चयन के लिए विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद चयन प्रक्रिया अविलम्ब प्रारम्भ कराई जाये, ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन में विलंब न हो। राज्य की कार्यदाई संस्थाओं को पहले प्राथमिकता दी जाए। मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान 50 करोड़ रूपये से अधिक बजट की 22 विभागों की 42 केन्द्र पोषित योजनाओं की समीक्षा की। बाह्य सहायतित योजनाओं के कार्यों में भी और तेजी लाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिये।
बैठक में बताया गया कि केन्द्रीय पोषित योजनाओं के तहत राज्य के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिये कुल 15 हजार 583 करोड़ रूपये का प्राविधान किया गया है। इस वित्तीय वर्ष में 31 जुलाई 2023 तक 04 हजार 204 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है। जिसके सापेक्ष 01 हजार 759 करोड़ रूपये की धनराशि व्यय की जा चुकी है। 31 जुलाई 2023 तक बजट के सापेक्ष 27 प्रतिशत धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है। स्वीकृत धनराशि के सापेक्ष अभी तक 42 प्रतिशत धनराशि व्यय की जा चुकी है। जबकि राज्य में 8338 करोड़ रूपये की 12 बाह्य सहायतित परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है, जबकि 17165 करेाड़ की 10 बाह्य सहायतित परियोनाएं पाईपलाईन में हैं।
बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आर. के सुधांशु, श्री एल. फैनई, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, श्री शैलेश बगोली, श्री दिलीप जावलकर, श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, श्री बृजेश कुमार संत, श्री दीपेन्द्र चौधरी, डॉ. आर. राजेश कुमार, श्री चन्द्रेश कुमार यादव, श्री विजय कुमार यादव, अपर सचिव श्री योगेन्द्र यादव, सूचना महानिदेशक श्री बंशीधर तिवारी एवं संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।