देहरादून
अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय सनातन परम्परा में किसी भी शुभ कार्य के प्रारम्भ में संकल्प लेने का विधान रहता है। शक्ति के अनुष्ठान का यह पर्व रचनात्मक एवं सृजनात्मक कार्यों के प्रति प्रेरणा प्रदान करने वाला हो इसका हमें संकल्प लेना होगा। यह नवसंवत्सर सभी के जीवन में सुख, समृद्धि प्रदान करने वाला हो इसकी भी उन्होंने कामना की है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह पर्व भारतीय संस्कृति की महान परंपरा का प्रतीक है। नवरात्र का यह पर्व समाज में नारी के महत्व और सामर्थ्य को दर्शाता है। इस अवसर पर किया जाने वाला कन्या पूजन नारी शक्ति के महत्व का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चैत्र नवरात्र को इस बार प्रदेश में नारी शक्ति उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। इस दौरान प्रत्येक जिले में देवी उपासना के कार्यक्रम आयोजित होंगे। हमारे वेदों और पुराणों में चैत्र नवरात्रि को विशेष महत्व दिया गया है। इसे आत्मशुद्धि तथा सद् प्रवृत्ति का आधार माना गया है। चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा का पूजन करने से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है तथा एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। अतः चैत्र नवरात्रों की उत्तराखण्ड राज्य में व्यापक धार्मिक महत्ता के दृष्टिगत इस दौरान प्रदेश में सभी प्रमुख देवी मंदिरों एवं शक्तिपीठों में धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने सभी से नारियों के सम्मान की भी अपील की है।