देहरादून
सहकारिता विभाग के सचिव एवम मुख्य परियोजना निदेशक डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने यूकेसीडीपी निदेशालय में पोल्ट्री फॉर्मिंग के प्रगति की समीक्षा बैठक ली। बैठक में सहकारिता व पशुपालन सचिव डॉ बीवीआरसी पुरूषोत्तम ने प्रदेश के पांच हजार लोगों का पोल्ट्री फार्मिंग में लाभार्थी किसानों का चयन करने के निर्देश दिए। ताकि योजना का लाभ आम आदमी को मिल सके। उन्होंने बताया कि योजना के लिए अवधि वित्तीय वर्ष 2022 से 2025 के लिए 5000 लाभार्थियों का लक्ष्य रखा गया था। पशुपालन विभाग द्वारा अनुदान सहायता 750 लाख, सहकारिता विभाग द्वारा ब्याज मुक्त ऋण सहायता 8113 लाख, राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना से 3245 लाख रुपए सहित कुल परियोजना की लागत 8863 लाख रुपए का प्रावधान रखा गया है। डॉ. पुरुषोत्तम ने बताया कि 2 विभागों के संयुक्त प्रयास से राज्य में इतने बड़े पैमाने पर यह कार्य किया जा रहा है।
देहरादून की मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान ने बताया कि 600 पोल्ट्री किसानों के लक्ष्य को पूरा किया जा रहा है। चकराता व कालसी क्षेत्र में पोल्ट्री फार्मिंग का कार्य तेजी से चल रहा है। रुद्रप्रयाग के मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि, पोल्ट्री बाड़े बना दिये गए हैं। सचिव पशुपालन डॉक्टर पुरुषोत्तम जनपद की सीवीओ को निर्देश दिए कि वह इस योजना को गंभीरता से लें और फील्ड का विजिट करें। सहकारिता अधिकारियों को वैज्ञानिक रूप से सुझाव दें। तथा इस कार्य में आगे बढ़े।
बागेश्वर में 300 किसान, चंपावत में 300 किसान, उधम सिंह नगर में 500 किसान, अल्मोड़ा में 450 किसान, नैनीताल में 450 किसान, रुद्रप्रयाग में 300 किसानों का टिहरी गढ़वाल में 300 किसान, हरिद्वार में 500 किसान देहरादून में 600 किसानों को पोल्ट्री फार्मिग के लिए लक्ष्य को पूरा करने के सचिव ने निर्देश दिए गए।
यूकेसीडीपी निदेशालय की इस बैठक में परियोजना निदेशक श्री एमपी त्रिपाठी,
प्रबंधक मनोज रावत , भरत सिंह रावत, व सभी जिलों के सीडीओ,सीवीओ और जिला सहायक निबंधक ने ऑनलाइन मौजूद रहे।