उत्तराखंड मे थर्ड वेव मे सेकंड वेव से 20 प्रतिशत ज्यादा केस के अनुमान पर इलाज की व्यवस्था सही पहल
बच्चों के लिए 10 वर्ष पुराने जनसंख्या आंकड़ों के आधार पर तैयारी करना ठीक नहीं
देहरादून
सोशल डेवलपमेंट फाॅर कम्युनिटी (SDC) फाउंडेशन ने राज्य सरकार की ओर से कोरोना की तीसरी लहर की तैयारियों के लिए सेकेंड वेव से 20 प्रतिशत ज्यादा लोगों के इलाज की तैयारियां किये जाने को सही पहल बताया है। साथ ही यह भी कहा है कि इन तैयारियों के सिलसिले में जनसंख्या के जिस आंकड़े को ध्यान में रखा गया है, उसका आधार 2011 की जनगणना प्रतीत होता है, जबकि तब से अब तक जनसंख्या में काफी बढ़ोत्तरी हो चुकी है।
फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल का मानना है कि मुख्य सचिव ओम प्रकाश की ओर से थर्ड वेव की तैयारियों के संबंध में जारी किये गये दिशा-निर्देश में माना गया है कि थर्ड वेव मे इस बार पाॅजिटिव मामलों की पीक केस संख्या 11,552 हो सकती है। यह संख्या सेकेंड वेव में एक दिन में आये अधिकतम पाॅजिटिव मामलों से करीब 20 प्रतिशत ज्यादा है।
अनूप नौटियाल की संस्था के विश्लेषण के मुताबिक सेकेंड वेव के दौरान 7 मई 2021 को राज्य में 24 घंटे के दौरान सबसे ज्यादा 9,642 पाॅजिटिव मामले सामने आये थे। 18 अप्रैल से 22 मई, 2021 मे 5 हफ्ते सबसे ज्यादा खतरनाक साबित हुए थे। इन पांच हफ्तों के दौरान राज्य में कुल 1,89,066 पाॅजिटिव मामले सामने आये थे और प्रदेश मे 3,878 मृत्य हुई थी ।
यदि सरकार संभावित थर्ड वेव के पीक प्वाॅइंट पर 11,552 पाॅजिटिव मामले सामने आने का अनुमान लगा रही है कि तो यह अनुमान भी किया जा सकता है अगर ये 20 प्रतिशत का ट्रेंड होल्ड करता है तो थर्ड वेव के 5 सबसे बड़े हफ्तों में करीब 2,26,879 पाॅजिटिव केस आ सकते हैं । हालाँकि इस किस्म के पुख्ता आकलन की ज़रूरत सरकार के स्तर से है।
अनूप नौटियाल के आंकड़ो के मुताबिक सेकेंड वेव की तुलना में थर्ड वेव में 20 प्रतिशत ज्यादा पाॅजिटिव केस आने के अनुमान के साथ तैयारियां करना अच्छी बात है। पहले से तैयारियां करने से ऐसी किसी परिस्थिति में ज्यादा लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने में मदद मिलेगी। लेकिन, इन तैयारियों के लिए 0 से 18 वर्ष के बच्चों के लिए जनसंख्या के जिन आंकड़ों को सहारा लिया गया है, उनका आधार संभवतः 2011 की जनगणना है।
अनूप के अनुसार पिछले 10 वर्षों में उत्तराखंड मे जनसंख्या में बड़ा उछाल आया है, इसलिए तैयारियों को ज्यादा बेहतर बनाने के लिए जनसंख्या के वर्तमान अनुमानित आंकड़ों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
अनूप नौटियाल के अनुसार मुख्य सचिव के निर्देश में राज्य में वर्तमान मे 0 से 18 वर्ष के बच्चों की संख्या 38,49,935 आंकी गई है। उनका कहना है कि लेकिन 2011 की जनगणना के अनुसार ही राज्य में 0 से 19 वर्ष आयुवर्ग के लोगों की संख्या 42,53,118 लाख थी। उनका कहना है कि यह एक संवेदनशील मामला है और इनमें पुराने आंकड़ों के बजाय अनुमानित जनसंख्या वृद्धिदर के आधार पर वर्तमान जनसंख्या का आकलन किया जाना चाहिए।