मसूरी,
पहाड़ों की रानी मसूरी में जिस तेजी से पिछले एक डेढ़ दशक में अवैध निर्माण कार्यो की बाढ़-सी आ गई थी। उससे इसका पारिस्थितिकीय संतुलन पूरी तरह गडबड़ा गया है। यही वजह है कि अब एनजीटी से लेकर तमाम ऐसी संस्थाओं ने संज्ञान लेना शुरू कर दिया है। आने वाले दिनों में सुप्रीम कोर्ट मोनिटेयरिंग कमेटी और अन्य पर्यावरणीय संस्थाएं भी आगे आने वाली हैं। वहीं जिस सक्रियता से प्राधिकरण के संयुक्त सचिव और उपजिलाधिकारी मसूरी शैलेंद्र सिंह नेगी ने अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई का रूख अख्तियार कर रखा है। उससे लगता है कि पहाड़ों की रानी कुरूप दासी बनने से शायद बच जाए। हालांकि अब देर बहुत हो चुकी है।
गौरतलब है कि मसूरी और आसपास के इलाकों में पिछले एक-डेढ़ दशक से जिस तेजी से पहाड़ों को चीर कर कंक्रीट के जंगल उग गए थे। लगता था कि इन जंगलों की आवाज सुनने वाला कोई नही है। मसूरी से लेकर धनोल्टी और चंबा तक बेरहमी से जंगलों के बीचोंबीच अंधाधंुंध निर्माण कार्य किया गया। वन विभाग की चुप्पी भी संदेह के घेरे में रही है। जियो मैपिंग किए जाने की आवश्यकता है। इससे स्पष्ट हो जाएगा कि कितना वन क्षेत्र में अवैध कटान और खुदान किया गया।
आश्चर्यजनक तो यह है कि जिस जगह पर ईको टाॅस्क फोर्स का बेस कैंप खोला गया था। और चार दशक पहले पर्यावरण प्रहरी के रूप में रिटायर्ड फौजी और ईको क्लब के द्वारा पौधे लगाए गए थे। उसी जगह के आसपास सबसे अधिक अवैध निर्माण और पेड़-पौधे काटे गए है। मसूरी-देहरादून मार्ग पर मसूरी झील के आसपास और जिस स्थान पर पर्यावरण सेना का बेस कैंप हुआ करता था। अब इस कैंप की सक्र्रियता कम हो गई। उसके आसपास मौजूदा समय में भी प्लाटिंग का काम चल रहा है। और वन अधिनियम की धज्जियां उड़ाई जा रही है। धनघारे देवदार के जंगल के बीच भू-माफिया और प्रकृति के दुश्मन निर्मम तरीके से पेड़ और जमीन काटकर निर्माण कार्य करवाने में मशगूल हैं। आखिर इन बाहरी बिल्डर्सो को किसी न किसी की शह जरूर होगी। कुठालगेट से लेकर कैंेपटी और धनोल्टी, सुआखोली तक दिल्ली, मेरठ, चंडीगढ़ और अन्य महागनरों के लोगों ने जमीनें खरीद ली है। इसलिए सख्त भू-कानून की आवश्यकता भी है।
काबिलेगौर है कि उत्तराखंड के बाहर से आए कुछ लोगों ने मसूरी के स्थानीय लोगों के नाम पर नक्शे स्वीकृत करवाए। इस किस्म का धंधा आज भी मसूरी में खूब चल रहा है। इसका भी संज्ञान ले लिया जाए। अलबत्ता एसडीएम शैलेंद्र सिंह नेगी ने बतौर प्राधिकरण के संयुक्त सचिव के रूप में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की। वह मसूरी के पर्यावरण और ईकोलाॅजी को बचाने में जरूर अहम भूमिका निभाएगा।
बीते दिन मसूरी, सुआखोली और बुरांसखंडा में कुछ भवनों को सील किया गया। जिसमें मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण की प्रवर्तन टीम में संयुक्त सचिव और एसडीएम मसूरी शैंलेंद्र सिंह नेगी के नेतृत्व में प्राधिकरण के अधिशासी अभियंता अतुल गुप्ता, सहायक अभियंता अभिषेक भारद्वाज, अवर अभियंता मनवीर पंवार,संजीव कुमार और उदय नेगी पुलिस फोर्स ने सीलिंग की कार्रवाई की। सील होने वाले अवैध निर्माण में इंदर सिंह अपर मालरोड, गंभीर पंवार बुरांखखंडा टिहरी-चंबा रोड, सरफराज खान बुरांसखंडा शामिल हैं