गुनगुन के जाने से मौहल्ले में मातम छाया, 11वीं में एडमिशन लेने के लिए पेपर देने जा रही थी मौसी के घर, तीन किलोमीटर बाद ही बस हादसे ने छीन ली गुनगुन की मुस्कुराहट, मां सुधा के साथ ही हमेशा के लिए अलविदा

अपराध उत्तराखंड मसूरी

गुनगुन और उसकी माँ सुधा को विनम्र अश्रुपूरित श्रधांजलि

गुनगुन के जाने से मौहल्ले में मातम छाया, 11वीं में एडमिशन लेने के लिए पेपर देने जा रही थी मौसी के घर, तीन किलोमीटर बाद ही बस हादसे ने छीन ली गुनगुन की मुस्कुराहट, मां सुधा के साथ ही हमेशा के लिए अलविदा। ईश्वर मां-बेटी को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और इस दुख की घड़ी में परिवारजनों को दुख सहने का साहस दें।
मसूरी में हुई बस दुर्घटना में काल कलवित हुई गुनगुन का खिलखिलाता चेहरा और चुलबुली आवाज हमेशा के लिए खामोश हो गई। गुनगुन के चले जाने से मौहल्ले में मातम छाया हुआ है। 15 वर्षीय गुनगुन और उसकी मां सुधा को क्या पता था कि घर से निकलने के बाद बस में सवार होते ही कुछ दूरी पर काल के क्रूर मंशा उनकी हसरत को मिटा देगी। और अरमान फुर्र हो जाएंगे। गुनगुन मसूरी के सेंट क्लिेयर्स में 10वें के एग्जाम दे रही थी। और ग्यारहवीं कक्षा में देहरादून में दाखिला लेना चाहती थी। इसलिए मां सुधा बेटी गुनगुन को लेकर देहरादून जा रही थी। मां ने छोटी बेटी को दादा-दादी के पास छोड़ और शाम तक लौटने का छोटी बेटी से वादा किया। मगर उपर वाले को कुछ और ही मंजूर था। ईश्वर ने इस मासूम बेटी की आरजू भी नही सुनी। गुनगुन के बूढ़े दादा गेंदा लाल और दादी 12 कैंची रोड से नीचे टकटकी लगाए हुए थे। घनानंद कालेज के नीचे वाली सड़क पर एंबुलेंस के साइरन की आवाज और सड़क पर लगे जाम को 12 कैंची से निहारते हुए गेंदा लाल मन ही मन कुछ अनहोनी होने की आशंका जताने लगे थे। मैं तो दिल्ली से मसूरी आ रहा था। तभी सूरी भाई का फोन आया। लखेड़ा जी चले गए क्या। मैंने कहा, भाई मुझे नही मालूम। हां, बस दुर्घटना हुई है। मैसेज पढ़ा था। पर अभी मैं देहरादून में ही हूं। रास्ते भर परेशान रहा। मेरी और गेंदा लाल जी की घर की दीवार आपस में जुड़ी हंै। धनिष्ठ पारिवारिक संबंध ह,ैं हर सुबह सुधा छह बजे उठकर वाशिंग मशीन में कपड़े घुलती थी। वाशिंग मशीन की तेज आवाज सुनकर ही जगना होता था। बेटी गुनगुन और उसके नीचे सलमा की बेटी जो सीजेएम वेवरली में पढ़ती है। अच्छे दोस्त थे। बच्चे गुनगुन के साथ रात आठ-नौ बजे तक खेलते थे। खूब अठखेलियां करते। इन दिनों रमजान चल रहे हैं, सो गुनगुन की दोस्त उसके लिए अनेक पकवान देती। इन बच्चों के खिलखिलाने की आवाज हमें भी सुकून देती। हमारे बच्चे देहरादून में हंै। इसलिए इन बच्चों की आवाज से ही हमारा मन भी प्रफुल्लित रहता। देर शाम को जब घर पहुंचा। तो पहले कविता ने पड़ोस में रहने वाली सलमा से पूछा क्या हुआ। तो बोली की मां-बेटी दोनों  चली गई। दादा और सुधा का पति हरीश दिन में सीएमआई चले गए थे। दादी घर पर थी। गुनगुन की दादी को सिर्फ यह मालूम था कि बस दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद ये लोग घायल है। शाम होने तक देहरादून से गेंदालाल जी का फोन पड़ोस में आया कि दादी को नीचे लेकर आओ। तब तक हास्पिटल में उनके गेंदालाल के भांजे जितेंद्र बडोला भी पहुंच गए। 2000 के आसपास गेंदालाल जी के मकान पर किराए पर रहे वरिष्ठ पत्रकार और उत्तरांचल प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र अंथवाल का फोन आया। तब मैं देहरादून में ही था कि बस कहां गिरी। तब मुझे पूरी जानकारी नही थी। मैंने कुछ लोगों से संपर्क किया। जानकारी दी। लेकिन शाम तक भी श्री अंथवाल जी को मृतकों की पहचान के बारे जानकारी नही हुई। इस बीच काफी लोगों के फोन आए। पुष्कर पटवाल , प्रदीप भंडारी, नरेंद्र और पुष्पा पडियार आदि ने जानकारी ली। लोगों को इस घटना पर यकीं ही नही हो रहा था। अधिकांश लोग यह समझ रहे थे कि बस में पर्यटक ही सवार थे। स्थानीय लोगों के होने की संभावना बहुत कम थी। हालांकि घटना सभी के लिए दुखभरी थी। मगर जिन चेहरों को आपने देखा हो। उनका यूं चला जाना। बेहद मार्मिक है। जब घटना की जानकारी दी तो वे भी सन्न रह गए। उनका गेंदालाल जी से अच्छा परिचय था। गुनगुन और उसकी मां सुधा की अकाल मृत्यु  इतना बड़ा घाव दे गई कि परिवार वालों के साथ ही अड़ोस-पड़ोस के लोगों के चेहरों पर अजीब-सी उदासी छायी हुई है। ईश्वर से प्रार्थना है कि गुनगुन और उसकी मां को अपने श्रीचरणों में स्थान दें। और जो घायल हुए हैं, उन्हेंु सकुशल उनके घर तक भेजे।
पुलिस के अनुसार मृतकों में सुधा 40 पत्नी सुधाकर उर्फ हरीश लखेड़ा निवासी बारह कैंची रोड मसूरी, महक पुत्री सुधाकर उर्फ हरीश लखेडा निवासी बाहर कैंची मसूरी, घायलों में शुभम 18 वर्ष पुत्र सत्यवीर निवासी मेरठ, आशु 28 वर्ष पुत्र सतीश निवासी मेरठ, रेखा 40 पत्नी सतीश निवासी मेरठ, राम नरेश 38 पुत्र अमर सिंह निवासी मेरठ, आंचल 20 पुत्री सतीश कुमार, निवासी मेरठ, पुपेंद्र सिंह राणा 28 पुत्र भगवान सिंह, मंगू सिंह 28वर्ष पुत्र सतेंद्र सिंह निवासी मुरादाबाद, शिवानी 24 पत्नी मंगू सिंह निवासी मुरादाबाद, रूपा 26 वर्ष पत्नी नरेश निवासी मुरादाबाद, काव्या 8 वर्ष निवासी मुरादाबाद, नकुल 4 वर्ष पुत्र नरेश निवासी मुरादाबाद, एक बच्चा एक माह जिसका नाम नहीं रखा गया, सुमन 36 पत्नी अनिल निवासी हैकमंस मसूरी, राधिका 13 वर्ष पुत्री अनिल निवासी हैकमंस मसूरी, योगेश कुमार 80 वर्ष पुत्र मंगल चंद निवासी जयपुर, गोविदं सैनी, 26 वर्ष जयपुर, शिवम बंसल 24 वर्ष निवासी राजस्थान, योगेश 30 वर्ष निवासी राजस्थान, हर्षल शर्मा 25 निवासी राजस्थान, प्रदीप 55वर्ष निवासी नजफगढ सहारनपुर, सुनील 50 निवासी मुरादाबाद, तिजेश 35 वर्ष निवासी दिल्ली, मोनिका 32 वर्ष पत्नी जितेश दिल्ली, जागृति 7वर्ष पुत्री जितेश दिल्ली, आरिय 4वर्ष पुत्र जितेश निवासी दिल्ली, प्रीति 20वर्ष निवासी जिंद हरियाणा, रवि 24 निवासी हरियाणा, आशा निवासी हरियाणा, हिमान 25 वर्ष निवासी हरियाणा, गुरलीन 24वर्ष निवासी हरियाणा, सुखदेव सिंह कैंतुरा निवासी घंटाघर मसूरी, अमिता शर्मा 48वर्ष पत्नी नरेश कुमार शर्मा निवासी जोशी कालोनी दिल्ली, सलमा खाततून 65वर्ष पत्नी तसलीन निवासी बूचडखाना लंढौर मसूरी, रजनी सिसोदिया 24वर्ष पत्नी मुकुल सिसोदिया निवासी दयालबाग, आगरा, कुकुल सिसोदिया 35वर्ष पुत्र नरेश कुमार शर्मा निवासी दिल्ली, रोबिन पुत्र संमय सिंह चालक, विक्रम पुत्र मुकुुद सिंह बिष्ट परिचालक, हैं।

Spread the love