CDS जनरल बिपिन रावत के असामयिक निधन से उत्तराखंड समेत समूचा देश शोक में डूबा, uttarakhand में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित

उत्तराखंड देश देहरादून मसूरी

मसूरी/देहरादून
सीडीएस जनरल बिपिन रावत के हेलीकाप्टर केे क्रेश  होने से उनके असामयिक निधन पर समूचे देश और खासकर उनकी जन्मभूमि उत्तराखंड में षोक की लहर दौड़ गई। पूरा देष और उत्तराखंड गमगीन है। जनरल रावत पौड़ी जिले में सैंण गांव में पैदा हुए। उनका दादी का मायका उत्तरकाषी के धनारी में है। इस महान सपूत के निधन उत्तराखंड के आंचलिक इतिहास और भूगोल को जानने वाले डां योगंबर सिंह बत्र्वाल बताते हैं कि जनरल बिपिन रावत का दादी का मायका उत्तरकाषी के धनारी में परमार परिवार में है। महान इतिहासकार और लेखक केप्टन षूरवीर सिंह पंवार के परिवार से उनका खास लगाव रहा। जनरल रावत भारतीय सेना के जनरल बनने के बाद दो बार मसूरी आए। एक बार लाल बहादुर षास्त्री प्रषासनिक अकादमी में प्रषिक्षुओं अधिकारियों के रिफ्रेषर कोर्स को संबोधित करने आए थे। और दूसरी बार तत्कालीन डीजीएमओ ले जनरल अनिल कुमार भट्ट की बेटी की षादी में षिरक्त करने आए थे। उससे पहले भी जनरल रावत कई मर्तबा मसूरी घूमने आए थे। सीडीएस जनरल रावत का मसूरी से बहुत पुराना नाता रहा है। जनरल रावत के निधन के बाद पहाड़ों की रानी मसूरी में मातम छा गया। नगर के सामाजिक राजनीतिक संगठनों ने उनकी मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया। वही प्रदेश  के राज्यपाल, मुख्यमंत्री धामी, काबीना मंत्री सतपाल महाराज, डां हरक सिंह रावत, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश  जोशी  समेत अनेक लोगों ने दुख व्यक्त किया .   सी एम  धामी ने हेलीकाप्टर दुर्घटना में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी श्रीमती मधुलिका रावत व अन्य अधिकारियों की आकस्मिक मृत्यु पर गहरा दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्माओं की शान्ति तथा शोक संतप्त परिजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।

मुख्यमंत्री धामी ने जरनल रावत के आकस्मिक निधन को देश के लिए अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि देश की सुरक्षा के लिए जनरल रावत ने महान योगदान दिया है। देश की सीमाओं की सुरक्षा एवं देश की रक्षा के लिए उनके द्वारा लिये गये साहसिक निर्णयों एवं सैन्य बलों के मनोबल को सदैव ऊंचा बनाये रखने के लिए उनके द्वारा दिये गये योगदान को देश सदैव याद रखेगा।
मुख्यमंत्री  धामी ने कहा कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत की परवरिश उत्तराखण्ड के छोटे से गांव में हुई। वे अपनी विलक्षण प्रतिभा, परिश्रम तथा अदम्य साहस एवं शौर्य के बल पर सेना के सर्वोच्च पद पर आसीन हुए तथा देश की सुरक्षा व्यवस्थाओं एवं भारतीय सेना को नई दिशा दी। उनके आकस्मिक निधन से उत्तराखण्ड को भी बड़ी क्षति हुई है। हम सबको अपने इस महान सपूत पर सदैव गर्व रहेगा। मुख्यमंत्री  धामी ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत जी के आकस्मिक निधन पर प्रदेश में 3 दिन (9-10-11 दिसंबर 2021) का राजकीय शोक घोषित करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री आवास में बुधवार को विधानमण्डल दल की बैठक के अवसर पर सीडीएस जनरल बिपिन रावत के हेलीकाप्टर दुर्घटना में हुए आकस्मिक निधन पर दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि आर्पित की गई।
इस अवसर पर जनरल रावत का भावपूर्ण स्मरण करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जनरल रावत का निधन देश व उत्तराखण्ड के लिए अपूरणीय क्षति है। उनका आकस्मिक निधन स्वयं उनके लिए भी व्यक्तिगत क्षति है। उन्होंने कहा कि वे सर्वोच्च सेना अधिकारी होने के साथ ही सादगी व सरलता की भी प्रतिभूति थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड से भी जनरल रावत का विशेष लगाव था। राज्य के विकास की उनकी सोच थी। अभी हाल ही में राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर अपनी पत्नी के साथ वे देहरादून आये थे, उनका आकस्मिक निधन उत्तराखण्ड के लिए बड़ा ही दुःखद है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, डॉ हरक सिंह रावत, बंशीधर भगत, सुबोध उनियाल, बिशन सिंह चुफाल, स्वामी यतीश्वरानन्द, विधायक  हरवंश कपूर,हरभजन सिंह चीमा सहित अन्य विधायकगणों ने भी जनरल बिपिन रावत को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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