मसूरी
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने मसूरी में भी स्वतंतत्रता आंदोलन के लिए प्रार्थना सभा की थी। गांधी जी वर्ष 19झ्4 में मसूरी हैप्पी वैली आए थे। वे यहां बिड़ला हाउस में ठहरे। बिड़ला हाउस के पास ही महान साहित्यकार और धुमक्कड़ी राहुल सांस्कृत्यायन भी रहा करते थे। गांधी ने राहुल जी से भी मुलाकात की। और राष्ट्रीय आंदोलन पर चर्चा की। इसके बाद बापू सिल्वर्टन गा्रउंड में एक प्रार्थना सभा में शामिल होने गए थे। पिक्चर पैलेस के निकट स्थित सिल्वर्टन ग्राउंड में उस समय भारी भीड़ जमा हुई थी।
नगर के संभ्रात बुजुर्ग रतन लाल कर्णवाल बताते है कि गांधी जी हैप्पी वैली से सिल्वर्टन गा्रउंड तक डांडी और हाथ रिक्शा में आए थे। श्री रतन लाल बताते हैं कि गांधी जी के साथ तत्कालीन समय के उद्योगतपति पदमपत सिंघानिया] गुजरमल मोदी] पुष्कर नाथ तन्खा] डा& एस के गोयल] मोहनलाल अग्रवाल और वे स्वयं प्रार्थना सभा में थे। प्रार्थना सभा के बाद बापू ने स्थानीय लोगों के साथ एक बैठक की। हाथ रिक्शा मजदूरों पर बापू को दया आई। उस वक्त मसूरी में रिक्षा चालक रिक्शे में ही रात गुजारते थे। गांधी जी ने श्री सिंघानिया और गुजरमल मोदी को कहा कि मसूरी रिक्शा मजदूरों के लिए आवास की व्यवस्था की जाए। गांधी जी ने यह भी कहा था कि मजदूरों के आवास के साथ ही उनका आवास भी बनाया जाए। बकौल रतनलाल गांधी जी दोबारा नही लौट कर आए। लेकिन गांधी निवास सोसाइटी गठित की गई। सचिव श्री एस हरि मौजूदा महात्मा योगेश्वर सरस्वती शिशु मंदिर में उनके आवास की व्यवस्था की गई थी। लेकिन गांधी जी भी नही आए। और मजदूर आवास भी नही बन पाए। वर्तमान समय में यहां पर सरस्वती विद्या मंदिर संचालित किया जा रहा है।