मसूरी
लाइब्रेरी स्थित एक होटल के सभागार में भू कानून पर आधारित गढ़वाली गीत का विमोचन बतौर मुख्य अतिथि पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता किया।
गीत के लोकार्पण पर बतौर मुख्य अतिथि पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि इस गीत के माध्यम से लोगों में जन जागरूकता आएगी और यह मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य का निर्माण यहां की जनता के हित में होना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है और यहां के विकास को पीछे धकेल दिया गया है। उन्होंने गीत की सराहना की व कहा कि यह गीत समाज मं सकारात्मक संदेश देगा।
गढवाल फिल्मों के निर्माता निर्देशक प्रदीप ने बताया कि भू कानून पर यह पहला गढ़वाली गीत बनाया गया है, जिसमें संगीत संजय कुमार एवं स्वर डॉक्टर सोनिया आनंद रावत के साथ ही उत्तराखंड के विभिन्न लोक कलाकारों ने इसमें अपना योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि भू कानून को लेकर लगातार आंदोलन तेज हो रहा है और इसको लेकर यह गीत उत्तराखंड वासियों में भूं कानून को लेकर जन जागरूकता के साथ ही जन आंदोलन को गति प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि आज उत्तराखंड में बाहरी लोगों द्वारा जमीनें खरीदी जा रही हैं और यहां के लोग खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। क्योंकि सरकार ने इस पर कोई ठोस नीति नहीं बनाई है। उन्होंने कहा कि यह गीत सरकार को जगाने का काम भी करेगा और जिस प्रकार से उत्तराखंड राज्य आंदोलन किया गया था उसी प्रकार से भू कानून को लेकर भी ऐसा ही बड़ा आंदोलन शुरू हो चुका है।ं
इस मौके पर डॉ सोनिया आनंद रावत ने कहा कि यह बहुत सुंदर गीत बनाया गया है। और यह गीत जनता को जागरूक करने में अहम योगदान निभाएगा। वही संगीतकार संजय कुमोला ने कहा कि यह गीत बहुत ही सुंदर और गढ़वाल की सांस्कृतिक धरोहर को संजोकर बनाया गया है जिसके लिए निर्माता निर्देशक प्रदीप भंडारी बधाई के पात्र हैं। कार्यक्रम के दौरान डा. सोनिया आनंद ने भू कानून पर बना गीत सुनाया। कार्यक्रम का संचालन उत्तराखंडी फिल्मों के अभिनेता कांता प्रसाद ने किया। इस मौके पर उफतारा के प्रदेश अध्यक्ष गंभीर ज्याड़ा, महासचिवत अमरदेव गोदियाल, गीतकार जितेंद्र पंवार, कमल भंडारी, अनिल गोदियाल, रजत अग्रवाल, पुष्पा पडियार, केदार चैहान, प्रताप पंवार, दर्शन रावत, अनीता पुंडीर, स्मृति हरि, लीला कंडारी, कमलेश भंडारी, आरपी बडोनी, पूरण जुयाल, स्मृति सरीन हरि, विनीता शर्मा, प्रेरणा भंडारी मौजूद थे।