मसूरी। ग्रामीण क्षेत्रों में काश्तकारों की आय बढाने व युवाओं को पलायन से रोकने के लिए अजय पंवार की कोशिश रंग ला रही है। उन्होंने औषधीय सगंध पौधों को उगाने के लिए कृषकों को प्रोत्साहित किया जिनकी बदौलत काश्तकारों की आर्थिकी मजबूत हो रही है।
मसूरी निवासी अजय पंवार मर्चेंट नेवी में सेवारत थे, लेकिन उन्होंने सेवा में रहते हुए अपने गांव धार डुडसिर टिहरी गढवाल के कीर्तिनगर ब्लाक गये व वहां जाकर उन्होंने औषधीय पौधों को उगाने की खेती शुरू कर दी व ग्रामीणों को भी प्रोत्साहित किया। उन्होंने लैवेंडर की खेती कर नाम कमाया व हाल ही में जम्मू के भद्रवाह में सीएसआईआर व आईआईआईएम के तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय लैवेंडर फेस्टिवल 2022 मंे उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व किया। जिसमें अरोमा मिशन के साथ ही उद्योग, शिक्षाविद-किसान मिलन का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह मौजूद रहे। वहां से लौटने के बाद उत्तराखंड के सगंध एवं औषधीय पौध की खेती के अग्रणी कर्मठ युवा लैवेंडर पर्पल कृषक अजय पंवार ने बताया कि उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित इस कार्य में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व किया। उन्हांेने बताया कि यह कार्यक्रम मुख्य रूप से लैवेंडर पर केंद्रित था। कार्यक्रम के तहत प्रतिभागियों ने लैवेंडर के खेतों का दौरा किया और लैवेंडर के तेल का सजीव आसवन होते हुए देखा। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व करना उनके व उत्तराखंड के समस्त कृषकों के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंनेे बताया कि वर्तमान में करीब छह हजार काश्तकार संगध पौध उगाने का कार्य कर रहे हैं जिससे उनकी आर्थिकी मजबूत हुई है। उन्होंने बताया कि अकेले उनके गांव में 32 लाख रूपये की आय हुई है। इस दौरान सीएसआईआर-आईआईआईएम ने कृषक अजय पंवार के साथ उत्तराखंड में लैवेंडर के साथ-साथ वाइल्ड मैरीगोल्ड, कैमोमाइल, रोजमैरी, डंडेलियॉन, थाइम, ओरिगैनो, निपिता आदि सगंध एवं औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए अनुबंध किया है जिसके तहत सीएसआईआर-आईआईआईएम इसके लिए पँवार को तकनिकी सहयोग के साथ-साथ पूर्ण सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया है. इसके लिए कृषक अजय पँवार ने सीएसआईआर-आईआईआईएम के अधिकारियों का धन्यवाद किया तथा उत्तराखंड के सगंध एवं औषधीय पौधों की खेती से जुड़े समस्त कृषकों ने अजय पंवार को उनकी इस उपलब्धि के लिए बधाई प्रेषित की है।