केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने त्रिपुरा और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर संबंधित राज्यों में विमानन बुनियादी ढांचे सुदृढीकरण संबंधी मामलों में तेजी लाने के लिए व्यक्तिगत हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। देश में यात्रियों की बढ़ती मांग को पूरा करने के क्रम में एएआई ने हवाई अड्डों के विकास एवं विस्तार पर अगले 4-5 वर्षों में 20,000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है।
श्री सिंधिया ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री श्री बिप्लब कुमार देब को पत्र लिखते समय निम्नलिखित मुद्दों को रेखांकित किया जो राज्य में विमानन क्षेत्र से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन को प्रभावित कर रहे हैं:
- अगरतला हवाई अड्डे पर रनवे विस्तार और डॉपलर वेरी हाई फ्रीक्वेंसी ओमनी रेंज (डीवीओआर) के स्थानांतरण के लिए 48 एकड़ भूमि की आवश्यकता है।
- कमलपुर हवाई अड्डे पर 50.5 एकड़ भूमि और कैलाशहर हवाई अड्डे पर 75 एकड़ भूमि नागरिक विमान संचालन (एटीआर 72 प्रकार के विमान) के लिए इन हवाई अड्डों के विकास के लिए आवश्यक है।
श्री सिंधिया ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का ध्यान निम्नलिखित मुद्दों पर आकर्षित किया है जो राज्य में विमानन क्षेत्र से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं के कार्यान्वयन को प्रभावित कर रहे हैं:
- देहरादून में रनवे विस्तार, नए टर्मिनल भवन की स्थापना और अन्य संबद्ध बुनियादी ढांचे के लिए 243 एकड़ भूमि की आवश्यकता है।
- अल्मोड़ा, हल्द्वानी, हरिद्वार, जोशीमठ, रामनगर, मसूरी, नैनीताल और धारचूला में प्रत्येक को हेलीपोर्ट के विकास के लिए 8.44 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इन्हें राज्य सरकार द्वारा अपग्रेड करने की आवश्यकता है।
- रीजनल एयर कनेक्टिविटी फंड ट्रस्ट (आरएसीएफटी) के लिए वीजीएफ हिस्से के रूप में राज्य सरकार की ओर से 0.36 करोड़ रुपये बकाया है।