मसूरी
होटल सवाॅय में लिमका बुक आॅफ वल्र्ड रिकार्ड के लिए 551 किस्म के बड़े बनाकर प्रदर्शित किए गये। इसमें होटल सवाॅय के सैफ राजीव बडोला, मसूरी की सैफ स्मृति हरि, पंजाब से आये लिमका बुक रिकार्ड धारी सैफ प्रो.डा. विरेंदर सिंह राना, व जूनियर सेलेब्रेटी सैफ ख्याति हरि व उनकी टीम ने तीन सौ उत्पादों से यह बड़े बनाये।
भारतीय व्यंजनों मंे बड़ा का अलग स्थान है जो पूरे भारत के हर कोने में अलग अलग किस्म के बनाये जाते हैं लेकिन मुख्यतः इसमें करीब एक दर्जन बड़े ही प्रचलन में हैं। परंतु 150 बड़े उत्तर भारत से दक्षिण भारत तक बनाये जाते हैं। ऐसे में पांच सौ इक्यावन बड़े बनाने का रिकार्ड निश्चित ही अनोखा है। इस कार्यक्रम की मुख्य सूत्रधार मसूरी की प्रगतिशील सैफ स्मृति हरि ने बताया कि यह कार्यक्रम पिछले दो वर्षो से प्लान किया जा रहा है लेकिन अब जाकर यह सामने आया है इसमें होटल सवाॅय की अहम भूमिका रही जिन्होंने इस लिम्का बुक आॅफ वर्ड रिकार्ड के लिए सहयोग किया। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का उददेश्य विश्व में भारत के व्यंजनों को प्रचारित करना है। जिसमें देश के हर कोने में बनने वाले बड़ों को बनाने के साथ ही उत्तराखंड के उत्पादों व जड़ी बूटियों से 51 बड़े बनाये गये हैं जो खासा आकर्षण का केंद्र है। इसमें झंगोरा, टिमरू, तिल, मंडवा, जख्या, गागले के पत्ते, चैलाई, अर्से, रोटाना, आदि के बड़े बनाये गये हैं। उन्हांेने कहा कि भविष्य में भी इस तरह के व्यंजन बनाकर परोसे जायेंगे ताकि पूरे विश्व में भारतीय व्यंजनों को सामने लाया जा सके। पंजाब से आये रिकार्डधारी सैफ डा. विरेंदर सिंह राणा ने बताया कि बड़ा भारतीय व्यंजन हैं। जिसे बड़े चाव से खाया जाता है।इस कार्यक्रम का उददेश्य भी यहीं है कि भारतीय व्यंजनों को विश्व में प्रचार प्रसार हो सके। इस मौके पर सवाॅय होटल के सैफ राजीव बडोला ने बताया कि भारतीय खाने में इतनी वैरायटी है कि वह अपने आप में एक संस्कृति है। लेकिन इसका प्रचार प्रसार विश्व भर में नहीं हो पाया है। ऐसे कार्यक्रमों से निश्चित ही भारतीय व्यंजनों को खाने के शाकीनों का ध्यान जायेगा। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम मे सवाॅय होटल का विशेष सहयोग रहा जिन्होंने पूरा स्टाॅफ इसमें लगा दिया व अपना कीचन भी दिया। लेखक गणेश सैली ने कहा कि यह अनोखा व्यंजन प्रदर्शन है जिसमें 551 प्रकार के बडे बनाये गये जिसमें उत्तराखंड के उत्पादों से 51 बडे बनाये गये। इसमें टिमरू भी उपयोग किया गया जो कि यहां की महत्वूपर्ण औषधि है। यह निश्चित ही लिमका बुक आॅफ रिकार्ड में स्थान बनायेगा। कार्यक्रम में मौजूद पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने इस कार्यक्रम की सराहना की व कहा कि स्मृति हरि का यह प्रयास निश्चित ही सफल होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए पूरी टीम बधाई की पात्र है जिन्होंने देश के हर क्षेत्र के बड़ों के साथ ही उत्तराखंड के बड़े भी बनाये व इसका प्रचार अब देश विदेश तक होगा। इस मौके पर आईएचएम के प्रधानाचार्य जगदीश खन्ना, हेम्पटन कोर्ट की प्रधानाचार्या सिस्टर अनीता, अमित, अनित, यश गुप्ता, उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी, काव्या सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।