राज्य के पहले महाधिवक्ता एल पी नैथानी को भावभीनी श्रद्धाजली दी

उत्तराखंड मसूरी

मसूरी

उत्तराखंड के पहले महाधिवक्ता एलपी नैथानी को मसूरी शहीद स्थल पर राज्य आंदोलनकारियों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी व उत्तराखंड राज्य आंदोलन में उनके योगदान को याद किया गया।
बड़ी संख्या में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी शहीद स्थल पर एकत्र हुए और वहां पर उत्तराखंड के पहले महाधिवक्ता एलपी नैथानी के निधन पर दुःख व्यक्त किया गया व उनके चित्र पर पुष्प् अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर बार संघ के अध्यक्ष व राज्य आंदोलनकारी मनोज सैली ने कहा कि एलपी नैथानी उत्तराखंड के पहले  महाधिवक्ता थे उससे पहले वे उत्तर प्रदेश में वरिष्ठतम अधिवक्ता रहे, उनका इतना सम्मान था कि जिस कारिडोर से इलाहाबार हाई कोर्ट के जज जाते थे वह भी उसी कोरिडोर से जाते थे। उत्तराखंड राज्य आंदोलन में विशेष कर मसूरी गोलीकांड में उन्होंने हाई कोर्ट में केस लड़ा व देश के इतिहास में पहली बार आंदोलन में शहीद हुए लोगों को मुआवजा दिया गया यह निर्णय ऐसा है जो आगे भी होना संभव नहीं है। वहीं आंदोलन के दौरान उन्हें मसूरी बुलाया गया व उनको सम्मानित किया गया। राज्य बनने के बाद वह पहले महाधिवता बने व फिर दूसरी बाद भी उन्होंने इस दायित्व को निभाया। इस अवसर पर पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने कहा कि एलपी नैथानी मूल रूप से पौडी के निवासी थे लेकिन उनका कार्यक्षेत्र इलाहाबाद रहा व करीब साठ साल तक उन्होंने वहां दिए। राज्य आंदोलन में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट में मसूरी नगर पालिका के अधिवक्ता भी कई साल तक रहे। उत्तराखंड राज्य आंदोलन में उन्होंने मसूरी गोलीकांड के खिलाफ प्रदेश सरकार के खिलाफ मुकदमा लड़ा व तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ ऐतिहासिक फैसला करवाया। इस अवसर पर रजत अग्रवाल ने कहा कि एलपी नैथानी ने मसूरी गोलीकाड, राज्य आंदोलन व आंदोलन में घायलों शहीद हुए लोगों के साथ खडा होकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में मुकदमा लड़ा व ऐतिहासिक निर्णय दिलवाया ऐसे महान सख्स को हमें नहीं भूलना चाहिए। इस अवसर पर पूरण जुयाल, केडी नौटियाल, शूरवीर भंडारी, बिजेंद्र पुंडीर, राजीव अग्रवाल, राजेश शर्मा, जोगेदर कुकरेजा, संपत्ति लाल, सतीश ढौडियाल, भगवान सिंह धनाई आदि मौजूद रहे।

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