पहाड़ की वीरबाला तीलू रौतेली की बीर गाथा पर प्रो. सत्यब्रत रावत की कविता

उत्तराखंड मसूरी
प्रो सत्यव्रत रावत

मसूरी
पहाड़ की बीरबाला तीलू रौतेली की शौर्य गाथा और बीरता और अपनी जन्मभूमि के उत्कृष्ट बलिदान और योगदान को युग-युगों तक नही भुलाया जा सकता। ऐसी बीरबाला की पुण्य स्मृति में प्रो सत्यव्रत सिंह रावत जो मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश मुरादाबाद के हिंदू काॅलेज में प्राचार्य हैं। जिनकी शिक्षा-दीक्षा कोटद्वार के बाद लखनउ में हुई। अर्थशास्त्र विषय में स्नातकोत्तर के बाद कमीशन से खुर्जा के एनआरसी काॅलेज में अर्थशास्त्र के प्राध्यापक रहे। इसी महाविधालय में कई वर्षों तक अर्थशास्त्र के विभागाध्यक्ष रहे। और वर्तमान में हिंदू काॅलेज मुरादाबाद में प्राचार्य पद पर आसीन है। प्रोः रावत के पिता धर्मवीर सिंह रावत  वन विभाग से सेवानिवृत्त अधिकारी है। वे कई पुस्तकें लिख चुकें है। प्रो सत्यव्रत रावत पिता की विरासत को आगे बढ़ा रहे है। प्रोः रावत समसामयिक के साथ ही कई अन्य विषयों पर कविताएं लिखते है। इनके कविता संसार की उत्तर प्रदेश और उत्तराख डमें खूब चर्चा होती है। प्रो रावत की तीलू रौतेली पर लिखी कविता प्रस्तुत है।.

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