उत्तराखंड में कोविड के 500 दिन@क्या खोया और हांसिल क्या हुआ, SDC के अनूप नौटियाल का विश्लेषण पढ़े!

उत्तराखंड

देहरादून

उत्तराखंड में आज 27 जुलाई, 2021 तक कोविड संक्रमण के 500 दिन बीत चुके हैं। 15 मार्च, 2020 को देहरादून मे कोविड का पहला पाॅजिटिव केस सामने आया था। इन 500 दिनों में हमने काफी कुछ खोया है और बहुत कुछ सीखा भी है। ये 500 दिन हमारे लिये एक ऐसा अनुभव रहा है, जिसकी हम कभी कल्पना तक नहीं कर सकते थे।

इन 500 दिनों में कोविड-19 की पूरी तस्वीर पर एक बार नजर डालें तो उत्तराखंड में अब तक कुल 3 लाख 41 हज़ार से ज्यादा लोग कोविड पाॅजिटिव हुए हैं। इनमें से करीब 96 प्रतिशत लोग कोविड को मात देकर स्वस्थ्य हो चुके हैं। स्वस्थ्य होने वालों की कुल संख्या 3 लाख 27 हज़ार से ज्यादा है।

यह दुखद है कि संक्रमण की चपेट में आये लोगों में से 2.15 प्रतिशत की मौत भी हुई। राज्य में अब तक 7350 लोगों से ज्यादा की कोविड के कारण मौत हो चुकी है। बेहद बुरे दौर में राज्य में पाॅजिटिविटी रेट 25 प्रतिशत तक पहुंचा। लेकिन फिलहाल बड़ी राहत है।

कोविड काल में जिन हेल्थ केयर वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स ने अपनी जान हथेली पर रखकर काम किया, वे निःसंदेह हम सबके लिए आदर्श हैं। जब बड़ी संख्या में लोग बीमार थे और जो बीमार नहीं थे, वे घरों में कैद थे, तब भी हेल्थ केयर वर्कर्स लगातार लोगों का इलाज कर रहे थे और फ्रंट लाइन वर्कर्स अपनी-अपनी जगहों पर ड्यूटी पर तैनात रहकर लोगों को मदद पहुंचा रहे थे।

हेल्थ केयर वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स ने जिस समर्पण और त्याग की भावना से इस दौर में अपनी ड्यूटी दी, वह एक मिसाल है। इन सभी कर्मचारियों के साथ ही इनके परिवारों को भी हम नमन करते हैं।

कोविड-19 ने आम लोगों को बहुत बुरी तरह से प्रभावित किया। खासतौर पर दूसरी लहर हम सबके लिए बेहद भारी रही। हममें से कई लोग इस दौरान संक्रमण का शिकार हुए। कई परिवारों ने अपने स्वजनों को खो दिया और आर्थिक नुकसान तो लगभग हर परिवार और हर व्यक्ति को उठाना पड़ा। कोविड ने जो नुकसान पहुंचाया है, वह अपूरणीय और अकल्पनीय है। जो लोग इस दौर में स्वर्गवासी हो गये, उन्हें श्रद्धांजलि।

हर आपदा आने वाले समय के लिए कुछ सबक छोड़ जाती है। ऐसा इस बार भी हुआ। हमें यह कहते हुए संतोष है कि अफरातफरी के उस दौर से सबक लेकर राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में कई कदम उठाये हैं। हालांकि जो इस दौरान किया गया है, अभी और ज़्यादा करने की ज़रूरत है। हम उम्मीद कर सकते हैं कि आने वाले दिनों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में सरकार और काम करेगी।

उत्तराखंड देश के उन राज्यों में शामिल हैं, जिन्हें कोविड काल में सबसे ज्यादा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। इसकी वजह यह है कि हमारा आर्थिक ढांचा अधिकांश पर्यटन पर आधारित है।

पर्यटन पूरी तरह बंद रहा तो आर्थिक गतिविधियां भी बंद हो गई। मुझे यहां एक बात यह जोड़नी है कि कोविड के दौर में कृषि और हार्टिकल्चर जैसे क्षेत्र पर्यटन की तुलना मे कम प्रभावित हुए हैं। उत्तराखंड में कृषि और हाॅर्टिकल्चर की संभावनाएं कम नहीं हैं। राज्य सरकार को इस दिशा में रणनीतिक कदम उठाना चाहिए, ताकि भविष्य मे आने वाली आपदाओं के दौर मे हम कृषि को भी अपनी आमदनी का एक मजबूत जरिया बना सकें।

 

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