मसूरी के युवा लेखक राघव और राज बिजल्वाण की पुस्तक लौंगिंग्स आफ लंढ़ौर का लोकार्पण, भूत की सुनहरी यादें और भविष्य की चुनौतियों को किया रेखांकित

उत्तराखंड शिक्षा

मसूरी
पहाड़ों की रानी मसूरी के सबसे पुराने हिस्से और मसूरी के शिल्पकार केप्टन यंग के घर के पास ही रहने वाले राघव और राज ने 135 कविताओं और दो अलग-अलग लेखों के जरिए मसूरी की पुरानी यादों को ताजा करते हुए नए चुनौतियों और वर्तमान परिदृष्य को रेखांकित किया है।
नगरपालिका सभागार में राघव और राज की पुस्तक के लोकार्पण समारोह में नगर के प्रबुद्वजन ने हिस्सा लिया। ऐसा पहली बार हुआ कि किसी पुस्तक लोकार्पण समारोह के मसूरी के हर क्षेत्र से बु़िद्वजीवियों, कवि, लेखक, समाजसेवियों और राजनीतिकों ने कार्यक्रम में शरीक हुए। ईद और अक्षय तृतीया जैसे मुकद्दस पर्व होने के बाद भी हाल लोगों से खचाखच भरा रहा। यह अतिषयोक्ति नही बल्कि हकीकत है कि लोग अब युवाओं पर भरोसा करने लगे हैं।

कार्यक्रम के नगर के लब्ध प्रतिष्ठित अंग्रेजी लेखक गणेश  सैली ने कहा कि उन्हें अब युवा लेखकों की तलाश है। उस रूप में राघव और राज खरे उतरने की कोषिष में जुटे हैं। लोकार्पण समारोह की मुख्य अतिथि भाजयुमो की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नेहा जोषी ने कहा कि मसूरी विख्यात पर्यटन नगरी साथ ही नामचीन लेखकों के लिए जानी जाती है।उन्होंने कहा कि अनियंत्रित विकास ने इस नगर की खूबसूरती को कम किया। लेकिन आज भी विष्व मानचित्र पर इसकी अलग से पहचान है। उन्होंने कहा कि युवाओं को रचनात्मक काम कर भी समाज में अपनी सहभागिता निभानी चाहिए। इस मौके पर पूर्व पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल, बीएसएफ के रिटायर्ड आई जी मनोरंजन त्रिपाठी, भाजपा मंडल अध्यक्ष मोहन पेटवाल ने भी विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम में युवा लेखकों की दादी, मां चित्रा, पिता अभय बिजल्वाण, पी रतूडी, व्यापार संघ अध्यक्ष रजत अग्रवाल, सतीश चन्द्र ढौंडियाल , अरविन्द सेमवाल  राकेश  अग्रवाल, अनीता सक्सेना, पूर्व छावनी सभासद धनेंद्र सिंह पुंडीर, कमल शर्मा, अनीता धनाई, स्मृति हरि, कमला थपलियाल, नागेंद्र उनियाल, अनिल मल्ल, मनोज गर्ग, नीरज अग्रवाल, बिजेंद्र भंडारी, सपना शर्मा, सुशील अग्र्रवाल समेत अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे। कार्यकम का संचालन लंढौर छावनी के पूर्व उपाध्यक्ष बादल प्रकाश  ने किया।

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