मसूरी। भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल अकादमी में हुए दीक्षांत एवं शपथ ग्रहण समारोह के बाद 45 नवसैन्य अधिकारी बल की मुख्यधारा मेें शामिल हो गये। बल के ब्रांस बैंड की सुमधुर धुन के साथ भव्य दीक्षांत एवं शपथ ग्रहण समारोह का आगाज हुआ। बतौर मुख्य अतिथि आईटीबीपी के महानिदेशक अनीस दयाल सिंह ने परेड की सलामी ली।
आईटीबीपी अकादमी के परेड मैदान में आयोजित 27वें जीडी बेसिक और 51वें जीओज के दीक्षांत समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि महानिदेशक आईटीबीपी अनीस दयाल सिंह के परेड का निरीक्षण करने के साथ ही शुरू हुआ। नवसैन्य अधिकारी बल की वेशभूषा में सजधजकर कदमताल करते हुए परेड मैदान में पहुंचे। अपने नई पारी शुरू करने का अदम्य साहस और उत्साह नवसैन्य अधिकारियों के चेहरो पर झलक रहा था। गजब का उत्साह और आत्म विश्वास से लबरेज अधिकारियों ने देश की सुरक्षा के खातिर वतन पर मर मिटने की शपथ ली।
सेनानी प्रशासन शोभन सिंह राणा ने नव नियुक्त अधिकारियों को राष्ट्र ध्वज व बल के ध्वज के समक्ष शपथ दिलवायी। इस अवसर पर मुख्य अतिथि महानिदेशक आईटीबीपी अनीस दयाल सिंह ने नव नियुक्त अधिकारियों का आहवान किया कि भातीसीपु बल का इतिहास गौरव पूर्ण रहा है व बल को आपसे बहुत अपेक्षाएं है। इसलिए बल की गौरवशाली पंरपरा को आगे बढाते हुए बल का नाम रौशन करें। उन्होंने कहा कि बल के प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षु अधिकारियों ने जो भी सीखा उसे जीवन में उतारें व इससे चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी। उन्होंने नव नियुक्त अधिकारियों से कहा कि वे बल की पुरानी पंरपराओं के निर्वहन के साथ बल में नये विचारों का भी समादेश करें। क्योे कि इस बल में बहुत सारे अवसर आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। इससे पूर्व अकादमी के निदेशक व महानिरीक्षक पीएस डंगवाल ने कहा कि अतिथियों का स्वागत करतेे हुए बल की गौरवशाली पंरंपराओं के बारे में बताया। उन्होंने नव सैन्य अधिकारियों का आहवान किया के चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहें व बल के गौरव अपने कर्तव्यों का निवर्हन करते हुए आगे बढायें। अंत में अकादमी के उपनिदेशक व उपमहा निरीक्षक अजय पाल सिंह ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह के बाद 45 अधिकारी सहायक सेनानी बल की मुख्यधारा जुड गये हैं जिसमें 22 सामान्य डयूटी जिसमें एक महिला अधिकारी है व 23 विशेष अधिकारी है जिसमें चिकित्सक, वैटेनरी आदि के है। उन्हांेने कहा कि आईटीबीपी सीमाओं से लेकर वीआईपी सुरक्षा करने के साथ ही खेलों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही है। इस मौके पर बल के पाईप बैंड ने जहां आकर्षक वादन से दर्शकों का मनोरंजन किया वहीं बल के पीटी प्रशिक्षकों व कराते टीम ने हैरतंगेज कारनामें दिखा सभी को दांतो तले उंगली दबाने को मजबूर किया। इस मौके पर आईजी निलाभ प्रताप सिंह, सेनानी प्रशासन शोभन सिंह राणा, भानु प्रताप सिंह, पूर्व आईजी बीएसएफ मनोरंजन त्रिपाठी, पीआरओ धमेंद्र सिंह भंडारी
बल की मुख्यधारा में जुडे 45 अधिकारियों में उत्तर प्रदेश के 12, दिल्ली के 8, हरियाणा में 5, उत्तराखंड के 4, बिहार, पंजाब, व महाराष्ट्र के 2 -2 व मणिपुर, चंडीगढ, तमिलनाडु, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, नागालैंड, हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश, तेलंगाना, एवं त्रिपुरा के 1-1 अधिकारी शामिल हैं इनमें से 5 महिला अधिकारी हैं।
27वें सहायक सेनानी प्रशिक्षण से अधिकारी बनने वालों में सहायक सेनानी जीडी मोहित सहराय को सोर्ड आॅफ आनर फाॅर बेस्ट आॅल राउंड टेªनी गृहमंत्री कप, सहित बेस्ट स्पोर्टस परसन, बेस्ट इन आउटडोर, बेस्ट मार्कसमैन, व बेस्ट इन इनडोर का पुरस्कार भी दिया गया। वहीं सहायक सेनानी जीडी सौरव शर्मा को बेस्ट इन आउटडोर, बेस्ट मार्कसमैैन, जीडी सहायक सेनानी दिनेश को बेस्ट इन इनडोर, वहीं जीओज कंबेटाईजेशन कोर्स के श्रेष्ठ प्रशिक्षणार्थियों में सहायक सेनानी वेट भागीरथी को आॅल राउंड बेस्ट टेªनी व बेस्ट इन इनडोर तथा सहायक सेनानी वेट मिलन कुमार को बेस्ट आउटडोर का पुरस्कार दिया गया।
प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद बल की मुख्यधा में शामिल हुए अधिकारियों के चेहरे खिले थे। पासिंग आउट परेड के बाद जब बल के अधिकारियों व परिजनों ने उनके कंधे पर सितारे सजाये तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा बल्कि कई भावुक हो गये वहीं उनके सीने गर्व से उंचे हो गये। नव नियुक्त अधिकारी शैरील जो हरियाणा की है उसने बताया कि एक साल के कठिन प्रशिक्षण के बाद बल की मुख्यधारा से जुड़ने पर गर्व महसूस हो रहा है। उन्होेने बताया कि उनका परिवार सेना की पृष्ठभूमि से जुडा रहा है दादा भी फौज में थे वर्तमान में मेरा भाई भारतीय सेना में मेजर है तथा पति एअर फोर्स में अधिकारी है। प्रशिक्षण में बहुत सीखने को मिला। वहीं आईटीबीपी के सेवारत एएसआई बीएस तलवार की पुत्री भागीरथी भी अधिकारी बनी जिस पर वह खुश है। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी को उसकी मां ने संस्कार दिए है। और आज खुशी है कि उनकी बेटी उसी बल में अधिकारी बनी है जिसमें वह सिपाही रहे। इसी तरह से एक भाई जो अधिकारी बना उसका दूसरा भाई पहले से ही आईटीबीपी में अधिकारी है व कई बहुत गरीब घर के बच्चे भी अधिकारी बने जिनके चेहरे पर खुशी देखी जा सकती थी।