देहरादून
वरिष्ठ पत्रकार दिनेश जुयाल का पार्थिव शरीर आज पंचतत्व में विलीन हो गया। उनके दोनों पुत्रों निशांत और भरत ने पिता को मुखाग्नि दी। रविवार को हरिद्वार में सैकड़ों लोगों ने हरिद्वार में हुये अन्तिम संस्कार में शामिल होकर उन्हें अंतिम विदाई दी।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिनेश जुयाल के आवास पर जाकर उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ पत्रकार और संपादक रहे दिनेश जुयाल के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया। उन्होंने शोक संतप्त परिजनों से मिलकर सांत्वना दी और इस असीम दुःख को सहन करने के लिए धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने भी दिनेश जुयाल के घर पहुंचकर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।
दिवंगत पत्रकार दिनेश जुयाल को अंतिम विदाई देने पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर धामी , उत्तराखंड पत्रकार यूनियन के संरक्षक नवीन थलेड़ी, यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र कंडारी, वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष आशीष ध्यानी, प्रदेश महामंत्री हरीश जोशी, प्रदेश कोषाध्यक्ष मनमीत रावत, प्रदेश संगठन मंत्री तिलक राज, प्रदेश सचिव सुशील रावत, प्रदेश प्रचार मंत्री शूरवीर भंडारी, प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र अंथवाल, पूर्व महामंत्री गिरधर शर्मा, राकेश खंडूड़ी, संजय शर्मा , जिलाध्यक्ष देहरादून अनिल चंदोला, पूर्व जिलाध्यक्ष देहरादून संतोष चमोली, जिला महामंत्री देहरादून योगेश रतूड़ी, मनोहर काला , कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना , आन्दोलनकारी प्रदीप कुकरेती,व मीडिया जगत के अनेक पत्रकारों ने उनके आवास राजीव जुयाल मार्ग ब्राह्मणवाला पहुंचकर शोक संतप्त परिजनों को सांत्वना दी। सीएम ने दिवंगत दिनेश जुयाल के बड़े भाई ए पी जुयाल, धर्म पत्नी रजनी जुयाल,ज्येष्ठ पुत्र निशांत जुयाल,कनिष्ठ पुत्र भरत जुयाल से मुलाकात कर दुख प्रकट करते हुए उनको सांत्वना दी।
भाजपा नेता प्रकाश सुमन ध्यानी, पूर्व मंत्री मदन कौशिक, राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट, संयुक्त सचिव संजय टोलिया,वरिष्ठ पत्रकार निशीथ जोशी, रघुवीर बिष्ट , अविकल थपलियाल,भूपत सिंह बिष्ट, मदन गौड़, संजीव कंडवाल, गुणानंद जखमोला, उमेश तिवारी,भास्कर, जगमोहन रौतेला, मालती हलधर , मनीष ओली, विनोद मुसान ,अर्जुन सिंह बिष्ट,वीरेंद्र भारद्वाज,गंगा उनियाल,जितेंद्र नेगी,रवि नेगी समेत अनेक पत्रकार व विभिन्न दलों के नेता दिवंगत दिनेश जुयाल की अंतिम यात्रा में शामिल हुए।