छावनी क्षेत्र में पानी की किल्लत से जूझ रहे लोग,

मसूरी

मसूरी। छावनी क्षेत्र मंे विगत लंबे समय से पानी की भारी किल्लत हो रही है लेकिन जल संस्थान के अधिकारियों को जनता की परेशानी देखने के बजाय कार्यालय में ही कुर्सिया तोड़ रहे हैंे। बार बार कहा जाता है कि कोल्टी पंप में लाइट न होने से पानी की किल्लत हो रही है,जबकि इसमें विभाग की लापरवाही नजर आती है। आश्चर्य तो इस बात का है कि 144 करोड की यमुना पेयजल योजना शुरू होने के बाद भी छावनी क्षेत्र के लोगों के हलक सूख रहे है।
छावनी परिषद लंढौर में हर समय पानी की किल्लत बनी रहती है चाहे सीजन हो या नही।  कर्मचारियों से पूछो तो वह वह कहते हैं कि पानी नहीं आया इसके लिए अधिकारी जबावदेह है। हालांकि छावनी क्षेत्र में यमुना का पानी अभी नहीं आ रहा। इसके लिए समय लगेगा लेकिन जल संस्थान यमुना का पानी आने के बाद भी छावनी क्षेत्र की जलापूर्ति करने में असहाय महसूस कर रहा है। कहने को तो जल संसथान आवश्यक सेवाओं में आता है लेकिन लगता है कि अधिकारी आवश्यक सेवा नहीं अययास सेवा के तहत कार्य कर रहे है, जब मर्जी हो तब देहरादून से आते है व जब मर्जी चले जाते है, वह किसी भी क्षेत्र में जाकर विभाग की कार्यप्रणाली को नहीं देखते। यहीं नहीं पहले एक या दो जेई होते थे तब पानी ठीक आता था लेकिन अब तो आधा दर्जन जेई की फौज होने के बाद भी कार्य शून्य नजर आ रहा है आखिर इतनी मोटा वेतन पाने के बाद भी कार्य नहीं किया जा रहा। कोई भी अधिकारी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। हर बार बैठकों में छावनी क्षेत्र मे पानी की समस्या उठायी जाती है लेकिन हल आज तक नहीं किया गया। लोगों को उम्मीद थी कि यमुना का पानी आने के बाद किल्लत कम होगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ बल्कि और परेशानी बढ गयी। जबकि लंढौर बाजार क्षेत्र व लक्षमण पुरी के कुछ क्षेत्र में यमुना का पानी आ रहा है। जबकि पहले यह सारा पानी छावनी क्षेत्र से आपूर्ति किया जाता था। कई बार कहा गया कि खलकी पंप को ठीक कर यमुना का पानी सर्वे के टैंक से लेकर छावनी क्षेत्र में लिफट किया जाय लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। जनता में लगातार जल संस्थान के खिलाफ आक्रोश बढ रहा है।

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