मसूरी। अंकिता हत्याकांड के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा कड़ी कार्यवाही के निर्देश पर होटल होम स्टे और रिजोर्ट पर कार्यवाही की गई , प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है और पूरे प्रदेश में ऐसे स्थानों को चिन्हित किया जा रहा है जहां पर अवैध रूप से होटल होमस्टे और रिजोट्र्स का संचालन किया जा रहा है। इसी कड़ी में उप जिलाधिकारी नरेश चंद्र दुर्गापाल के नेतृत्व में मसूरी में होम स्ट,े होटल और रिसॉट्र्स पर कार्यवाही की गई है जिनका पंजीकरण या तो समाप्त हो चुका है अथवा जिन्हें अवैध रूप से संचालित किया जा रहा है। इसी के चलते मसूरी में होटल आई इंडिया और जयसवाल स्टेट में भारी अनियमितता पाए जाने के बाद उन्हें सील कर दिया गया है।
इस बारे में जानकारी देते हुए उप जिलाधिकारी नरेश चंद्र दुर्गापाल ने बताया है कि मसूरी में होटल होमस्टे और रिजॉर्ट पर कार्यवाही की जा रही है जो नियम अनुसार संचालित नहीं किए जा रहे हैं या जिनका पर्यटन विभाग नगर पालिका परिषद मसूरी और मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण से स्वीकृति नहीं है। उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई अमल में लाई जा रही है और मसूरी में ऐसे होटल रोम होमस्टे और रिजॉट्र्स को चिन्हित किया जा रहा है जहां पर अनियमितताएं और शिकायतें मिल रही हैं उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।
इस अवसर पर जिला पर्यटन अधिकारी जसपाल सिंह चैहान ने बताया कि उन्होंने आज कई होटलों का निरीक्षण किया है और दो होटलों में अनियमितता पाई गई है जिन पर आर्थिक दंड के साथ ही सीलिंग की कार्यवाही भी की गई है। इस दौरान कोतवाल दिगपाल सिंह कोहली, नायब तहसीलदार भौपाल सिंह चैहान, पालिका अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी, एमडीडीए के जेई मंनवीर सिंह पंवार आदि मौजूद रहे।
होटल पर कार्यवाही का किया विरोध
मसूरी में होटेलों पर कार्यवाही से भय का माहौल है, प्रशासन को समय देना चाहिये, जब आज तक सभी होटेलों को चलने दिया गया तो एका एक ऐसा वातावरण क्यों?
ऐसा करने से पर्यटक भी परेशान हैं।
समस्त होटल स्वामियों का विचार है की सरकार और प्रशासन अवगत करायें की क्या क्या दस्तावेज एक होटल और होम स्टे स्वामी को रखने आवश्यक है, इसके लिये जागरुकता शिविर के साथ साथ बैठक होनी चाहिये और किसी भी होटल स्वामी का उत्पीड़न नहीं होना चाहिये।
आप हर होटल को एक नज़रं से और एक भांति से नहीं माप सकते।
एक अच्छे स्वच्छ भय मुक्त माहौल में होटेलों को व्यापार करने और अतिथियों की सेवा करने का मौका उत्तराखंड सरकार को देना चाहिए।