मसूरी। हिमालयन साहसिक संस्थान केंपटी मसूरी में राज्य आपदा प्रबंधन बल एसडीआरएफ के 25 जवानों को खोज एवं बचाव का प्रशिक्षण दिया गया वहीं समापन पर प्रशिक्षणार्थियों ने प्रशिक्षण के दौरान सीखे साहसिक गतिविधियों का रोमांचक प्रदर्शन किया।
हिमालय एडवेंचर इंस्टिट्यूट में उत्तराखंड पुलिस एसडीआरएफ के 25 जवानों को 14 दिवसीय प्रवृत्ति पर्वतीय क्षेत्रों में खोज एवं बचाव के साहसिक प्रशिक्षण दिया गया। जिसके समापन समारोह में प्रशिक्षार्थियों ने साहसिक गतिविधियों का रोमांचक प्रदर्शन किया। जिसमें खड़ी चट्टानों, ;घाटियों .एवं एवं गहरी खाइयों से घायल व्यक्तियों को जीवन रक्षा के लिए साहसिक ढंग से उतरकर सहायता पहुंचाने का प्रदर्शन हुआ। इस प्रदर्शन के दौरान खोज एवं बचाव से संबंधित विभिन्न विधियों का साहसिक निडर होकर जल्दी से जल्दी घायल व्यक्तियों तक पहुंचने हेतु प्राकृतिक एवं कृत्रिम चट्टानों पर चढ़ना उतरना, जल्दी से जल्दी सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने की विभिन्न तरीकों से बचाव का प्रदर्शन दिखाया गया। दुर्घटना के दौरान पर्वतीय क्षेत्र में स्थानीय संसाधनों द्वारा कम से कम समय में लोगों की जान बचाई जा सकती है। क्योंकि सामान को दूर से लाने जाने में बहुत समय लग सकता है ऐसे दुर्घटनाओं के दौरान स्थानीय संसाधनों द्वारा जैसे पिक ए बैग टू हैंड सेक, फोर हैंड सेक, एवं घायलों को दुर्गम स्थानों पर अपने हस्तनिर्मित स्टेचरों, जैसे बोरी, कंबल, डंडे, रस्सियों आदि का प्रयोग करके सुरक्षित उठाकर जल्दी से जल्दी प्राथमिक चिकित्सा देकर ले जाने का प्रदर्शन किया गया। पहाड़ों में अक्सर वाहन दुर्घटनाग्रस्त होकर बहुत गहरी गहरी खाइयों में गिर जाते हैं और पहाड़ पर ओवर हैंग होते हैं तो ऐसी स्थिति में जुम्मा रिंग के जरिए घायलों को स्ट्रेचर के ऊपर या कृत्रिम ढंग से रास्सियों का स्ट्रेचर बनाकर ले जाने का बहुत ही साहसिक एवं कठिन काम करना पड़ता है यह प्रदर्शन बहुत ही रोमांचकारी एवं प्रभावित करने वाला था जोकि जान को खतरे मे डाल कर किया गया। इस मौके पर संस्थान के निदेशक एसपी चमोली ने कहा कि संस्थान लगातार विगत कई वषों से पुलिस, फायर, सहित विभिन्न संस्थाओं को आपदा प्रबंधन सहित खोज एवं बचाव का प्रशिक्षण दे रहा है। ताकि किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा के समय कम धन जन की हानि हो सके।