कोरोनाकाल की भाषा अल्फा, डेल्टा ने बचाई इज्जत

डॉ सुशील उपाध्याय अतीत की किसी भी महामारी के दौरान शायद ही नए शब्दों और अवधारणाओं कि इतनी व्यापक आमद विभिन्न भाषाओं में हुई हो, जितनी कि आज दिखाई दे रही है। केवल महामारी ही नहीं, बल्कि उससे जुड़े वैज्ञानिक शोध, महामारी के आर्थिक-राजनीतिक पहलुओं और विभिन्न देशों की आंतरिक राजनीतिक स्थितियों से जुड़े अनेक […]

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पाठकों, शुभचिंतको से आग्रहपूर्वक क्षमा कि लगभग 21 दिन तक आपके बीच खबरों को नही परोस पाए मगर बेखबर भी नही, आखिर क्यों जानिए

शूरवीर सिंह भंडारी; संपादक द हिल्स आॅफ मसूरीप्रिय पाठकों, शुभचिंतकों और स्नेहीजनों से विनम्र आग्रह आप तमाम लोग इस वैश्विक महामारी का किसी ने किसी रूप में मुकाबला कर रहे हंै। दुनिया के लाखों लोग आज भी मौत और जिंदगी के बीच जूझ रहे है। कोरोना ने लाखों लोगों की जान ले ली। मृतकों के […]

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