कोरोनाकाल की भाषा अल्फा, डेल्टा ने बचाई इज्जत
डॉ सुशील उपाध्याय अतीत की किसी भी महामारी के दौरान शायद ही नए शब्दों और अवधारणाओं कि इतनी व्यापक आमद विभिन्न भाषाओं में हुई हो, जितनी कि आज दिखाई दे रही है। केवल महामारी ही नहीं, बल्कि उससे जुड़े वैज्ञानिक शोध, महामारी के आर्थिक-राजनीतिक पहलुओं और विभिन्न देशों की आंतरिक राजनीतिक स्थितियों से जुड़े अनेक […]
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