नागरिक उड्डयन मंत्रालय (एमओसीए) और नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई (आईआईटी-मुंबई) को ड्रोन नियम, 2021 से सशर्त छूट दी है। आईसीएमआर को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, मणिपुर और नागालैंड में वैक्सीन के वितरण के लिये सामान्य दृष्टि सीमा से आगे 3000 मीटर की ऊंचाई तक प्रायोगिक तौर पर ड्रोन का उपयोग करने की अनुमति दी गयी है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई (आईआईटी-मुंबई) को अपने परिसर में ड्रोन के अनुसंधान, विकास और परीक्षण के लिए ड्रोन उपयोग की अनुमति प्राप्त हुई है।
यह छूट इस्तेमाल किये जाने वाले वायुक्षेत्र में अनुमति से जुड़े नियमों और शर्तों के अधीन होगी और उस वायुक्षेत्र के लिये मिली अनुमति की तारीख से एक वर्ष की अवधि या अगले आदेश, जो भी पहले हो, तक वैध होगी।
सार्वजनिक सूचनाओं के लिंक को नागरिक उड्डयन मंत्रालय की वेबसाइट पर देखा जा सकता है।
इससे पहले, 11सितंबर 2021को, केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तेलंगाना राज्य के विकाराबाद में अपनी तरह की पहली ‘मेडिसिन फ्रॉम द स्काई’ परियोजना शुरू की थी, जिसके तहत ड्रोन का उपयोग करके दवाओं और टीकों की डिलीवरी की जायेगी।
25 अगस्त 2021 को, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सावधानियों और सुरक्षा चिंताओं पर संतुलन बनाते हुए ड्रोन संचालन को तेज विकास के युग में ले जाने के लिए उदार ड्रोन नियम, 2021 को अधिसूचित किया है।