मसूरी। विंटर लाइन कार्निवाल के दौरान मालरोड वाहनों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है, लेकिन आपात काल में भी झूलाघर पर बोलार्ड न खोलना किसी की जिंदगी से खिलवाड़ करना है। जिससे लोगों में खासा आक्रोश है।
विंटर लाइन कार्निवाल के तहत मालरोड वाहनों के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। लेकिन आपात काल में झूलाघर पर लगा बोलार्ड न खोले जाने से लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। मालरोड पर एक घटना घटी जब गांधी चैक पर प्रस्तुति देने के बाद वापस लौट रहे तीन नेपाली कलाकार पैदल जा रहे थे कि गढवाल टैरेस से आगे एक कलाकार को चक्कर आ गया व वह बेहोश होकर सड़क पर गिर गया। जिसकी सूचना मिलने पर 108 के माध्यम से उसे अस्पताल ले जाने लगे तो झूलाघर का बोलार्ड बंद था। उसे खुलवाने को कहा गया लेकिन उसे पुलिस ने नहीं खोला जिस पर एंबुलेंस को वापस गांधी चैक की ओर से वापस जाकर किसी तरह बेहोश कलाकार को अस्पताल पहुंचाया गया। इस घटना से लोगों में आक्रोश है। अगर आपात काल में बोलार्ड न खोले जाने पर किसी की जान जाती है तो कौन जिम्मेदार होगा। भाजपा मंडल अध्यक्ष मोहन पेटवाल ने भी इस पर आक्रोश व्यक्त किया व कहा कि आपात काल में किसी की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता। उन्होंने इस संबंध में सीओ से फोन पर बात की। वहीं दूसरी ओर मालरोड का आनंद लेने के लिए बोलार्ड लगाये जाने की जिसकी सराहना की जा रही है तथा वाहनों के न चलने से पर्यटक मालरोड का पूरा आनंद ले पा रहे है। लेकिन पुलिस विभाग की कमी के कारण लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। मालरोड पर वाहनों को प्रतिबंधित किया गया है व वाहन कैमल्स बैक रोड से आ जा रहे हैं, लेकिन पुलिस की कमी के कारण लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। क्योकि लाइब्रेरी व कुलडी की ओर से वाहन जा रहे हैं व झूलाघर पर बोलार्ड लगने से वापस हो रहे हैं जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। लोगों का कहना है कि जब मालरोड बंद है तो ग्रीन चैक व अंबेडकर चौक से वाहनों को मालरोड की ओर नहीं आने देना चाहिए ताकि लोगों को परेशान होने से बचाया जा सके। भाजपा महिला मोर्चा की जिला महामंत्री अनीता सक्सेना ने भी इस व्यवस्था को गलत बताया व कहा कि पुलिस प्रशासन प्रदेश सरकार को बदनाम कराने का प्रयास कर रहा है। जब कि पुलिस को ग्रीन चैक व अंबेडकर चैक पर पुलिस को तैनात किया जाना चाहिए ताकि लोग वाहन कैमल्स बैक की ओर से ले जाये।