मसूरी
मसूरी ट्रेडर्स एसोसियेशन, देव प्रयाग कीर्ति नगर जन कल्याण समिति और क्वाड आईटी इन्फो कंप्यूटर इंस्टीटयूट मसूरी के संयुक्त तत्वाधान में मसूरी के विभिन्न स्क्ूल-काॅलेजों के करीब तीन सौ शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र देकर राधाकृष्णन सम्मान से सम्मानित किया गया।
पिक्चर पैलेस स्थित श्री राधाकृष्ण मंदिर में आयोजित सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पदमश्री एवरेस्ट विजेता संतोष यादव ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस मौके पर अपने संबोधन में सुश्री यादव ने कहा कि मसूरी से उनका बहुत गहरा नाता रहा है और उनकी शिक्षा भी यहीं से हुई है। उन्होंने कहा कि हिमालय से उनका बहुत गहरा नाता है और यहां आकर उन्हें आनंद की अनुभूति होती है। उन्होंने सभी से आह्वान किया है कि हिमालय पर्वत को स्वच्छ रखने में अपना योगदान दे। उन्होंने सभी पर्यटकों से आह्वान किया कि वे यदि हिमालय या पहाड़ियों की ओर जाए तो वहां पर गंदगी ना फैलाएं और इन क्षेत्रों में प्लास्टिक का प्रयोग बिल्कुल ना करें। उन्होंने शिक्षकों को आहवान किया कि वह बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा न करें बल्कि उन्हें योग्य बनायें। कार्यक्रम में झुमैलो ग्रुप के बच्चों ने स्वागत गान व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुति दी। इस मौके पर व्यापार संघ के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने पर्वतारोही गिनीज बुक आॅफ वल्र्ड रिकार्डधारी संतोष यादव का स्वागत किया व कार्यक्रम में आये शिक्षकों का विशेष आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस मौके पर कहा कि मसूरी शिक्षा का केंद्र है और यहंा से शिक्षा ग्रहण करने वाले आज भारत ही नहीं विश्व का विभिन्न संस्थानों में नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने कि मसूरी व्यापार संघ के बारे में विस्तार से अवगत कराया व कहा कि उनकी संस्था व्यापारी हितों के साथ ही समाजसेवा के क्षेत्र में भी कार्य कर रही है। कार्यक्रम का संचालन परिवंद रावत ने किया। इस मौके पर मसूरी ट्रेडर्स एसोसियेशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने सभी शिक्षक और अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में देवप्रयाग कीर्ति नगर जन कल्याण समिति के अध्यक्ष देवेंद्र उनियाल, क्वाड इंस्टीटयूट के निदेशक कीर्ति कंडारी, वरिष्ठ पत्रकार जयप्रकाश उत्तराखंडी, भगवती प्रसाद कुकरेती, व्यापार संघ महामंत्री जगजीत कुकरेजा, कोषाध्यक्ष नागेद्र उनियाल, ललित मोहन काला, कामोद शर्मा, निमेष डंगवाल,एकांत शर्मा, सलीम अहमद, डा सुनील पंवार आदि मौजूद थे।