मसूरी। आर्यम इंटरनेशनल फाउंडेशन, भारत के तत्त्वावधान में दो दिवसीय गुरु पूर्णिमा महोत्सव भगवान शंकर आश्रम परिसर में प्रारंभ हुआ। इस अवसर पर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मेरा पौधा, मेरा जीवन, मेरे संग अभियान के अंतर्गत 700 व्यक्तियों ने विभिन्न प्रजाति के 700 पौधों को गोद लिया।
समारोह के द्वितीय सत्र में आर्यम दीक्षा प्रकल्प के अंतर्गत 182 को नव दीक्षा, 70 को मंत्र दीक्षा, एवं 158 को शक्तिपात दीक्षित किया गया। ट्रस्ट की अधिशासी प्रवक्ता माँ यामिनी श्री ने बताया कि मसूरी स्थित आश्रम में गुरुदेव के सान्निध्य में दो दिवसीय गुरु पूर्णिमा का आरंभ हुआ। जिसमें आज के सत्रों में प्रकृति संरक्षण, वृक्षारोपण संकल्प, नव दीक्षा, मंत्र दीक्षा, शक्तिपात सत्रों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए आर्यम जी महाराज ने कहा कि हमें प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति सच्चे हृदय से जागरूक एवं समर्पित होने की आवश्यकता है। उन्होनें उपस्थित शिष्यों को प्रेरित करते हुए आह्वान किया कि इन पौधों को अपने-अपने घरों में जाकर तीन से पाँच वर्षों तक बड़े गमलों में पालें पोसें और फिर यथा स्थान देखकर भूमि में वृक्षारोपण करने हेतु रौंप दें। शिष्यों को रुद्राक्ष, बेलपत्र, दालचीनी, कपूर, और अन्य औषधीय, ज्योतिषीय, एवं आध्यात्मिक मूल्यों से ओतप्रोत पौधे सौंपे गए। दीक्षा सत्रों को संबोधित करते हुए आर्यम जी महाराज ने धर्म और आध्यात्म के पथ पर शिष्य के दीक्षित होने के महत्त्व को रेखांकित किया। ज्ञातव्य हो कि आर्यम जी महाराज सनातन हिन्दू, वैदिक मूल्यों को परिवर्तित एवं संशोधित करने वाले अकेले ऐसे गुरु हैं जिन्होंने दीक्षा के लिए परिधान के रूप में मयूर पंखी नीले रंग का चयन किया है। इस तथ्य को स्पष्ट करते हुए गुरुदेव ने कहा कि उनसे पूर्ववर्ती गुरुओं जिनमें अंगिरा ऋषि, गुरु गोरखनाथ, एवं दशमेश गुरु गोबिंद सिंह द्वारा चयन किया गया था। यह मनुष्य जीवन में सप्त चक्रों में से एक सर्वाधिक सहस्त्र का प्रतिनिधित्व करते है। जिसके जागृत होने से मनुष्य जीवन में आध्यात्म एवं धार्मिक मूल्यों का श्रेष्ठ गुणों के साथ नए आयाम स्थापित होते हैं। उपस्थित शिष्यों ने सभी प्रकार के दुव्र्यसन एवं कुरीतियाँ से बचते हुए आर्यम प्रकल्प के साथ जुड़कर अपने जीवन के उच्चतम संकल्प को दोहराया। इस अवसर पर यशिका गुप्ता एवं समूह द्वारा प्रस्तुत भजन संध्या में सभी भक्त भावविभोर होकर झूमें। कार्यक्रम को सफल बनाने में सुनील कुमार आर्य, प्रतिभा आर्य, उत्तकर्ष सिंह, माँ यामिनी श्री, हर्षिता आर्यम, शालिनी श्री, प्रवीन्द्र, देवेन्द्र, अविनाश जायसवाल, श्वेता जायसवाल, प्रीतेश आर्य, नेहा वत्स कक्कड़, तुमुल कक्कड़, अक्षिता, रेखा श्री, सुनील कुमार, प्रशांत आर्य, रमन सिंह आदि का सहयोग रहा।