नगर निकाय क्षेत्र की संपत्तियों के डिजिटलाइजेशन को होगा घर-धर सर्वे

मसूरी

मसूरी। भारत सरकार नगर विकास मंत्रालय के निकायों में संपत्तियों का डिजिटल सर्वे करने के सबंध में बुलाई गई बैठक में अवगत कराया गया कि मसूरी क्षेत्र की सभी संपत्तियों का डिजिटलीकरण किया जायेगा जिसका कार्य शीघ्र शुरू होगा जबकि ड्रोन सर्वे हो चुका है। शहर के नागरिकों आहवान किया गया कि वह इस महत्वपूर्ण सर्वे में सहयोग करे ताकि यह सर्वे पूरा हो सके।
नगर पालिका सभागार में आयोजित बैठक में कार्यदायी कंपनी ने मसूरी के डिजिलिटीकरण के बारे में प्रोजेक्टर के माध्यम से जानकारी दी व बताया कि इसमें मसूरी की सारी संपत्तियों का ड्रोन सर्वे हो चुका है जिसमें वर्तमान की स्थिति के चित्र खींचे गये है जिसमें रोड, मकान, बिजली के खंबे, नाले खाले, पार्किग कूडादान, मैदान आदि सभी को लिया गया है। इस संबध में जानकारी देते हुए नगर पालिका अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी ने बताया कि भारत सरकार शहरी विकास मत्रालय का निर्णय है कि हर निकाय को डिजिटिल करना है जिसके पहले चरण में चार निकाय किए गये व दूसरे चरण में दस निकाय है जिसमें मसूरी शामिल है। इस संबध में बैठक बुलाई गई ताकि अगर कंपनी के लोग सर्वे करने डोर टू डोर जाये तो लोगों में किसी प्रकार का भय या दुविधा न हो। इस सर्वे से मसूरी की सारी संपत्ति आ जायेगी व इसका डिजिटल डाटा बनेगा। तथा एक अप्रैल से यह लागू हो जायेगा इससे लोगों को सुविधा मिलेगी व किसी को भी टैक्स देने के लिए पालिका नहीं आना पडेगा व घर बैठे टैक्स दे सकेंगे। वहीं जो लोग अपनी संपत्ति का मोटेशन करवाना चाहते है वह भी आॅन लाइन हो जायेगा। तथा इस प्रक्रिया की पूरी जानकारी मैसेज के माध्यम से संपत्ति धारक को मिलती रहेगी। उन्होंने कहाकि इससे यह पता होगा कि नगर पालिका की सपत्ति पर कितने अवैध निर्माण हो रखे है उसका पूरा डेटा आ जायेगा वहीं यह भी स्पष्ठ है कि जो अवैध निर्माण है उन्हें मालिकाना हक नहीं मिलेगा। इसमें घबराने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि अभी तक नगर पालिका में साढे छह हजार संपत्तियां पंजीकृत है और इस सर्वे के बाद करीब दस से बारह हजार संपत्तियां हो ेजायेगी जो टैक्स नहंीं दे रहे हैं या पालिका में म्युटेशन नहीं करवाया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी विभागों की संपत्तियां पोर्टल में अपडेट की जा चुकी हैं व पालिका ने भी पोर्टल में डाल दी है। उन्होंने यह भी बताया कि इन अवैध संपत्तियांे के बारे में सरकार को निर्णय लेना है। इस संबंध में पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल ने कहा कि पूरे पालिकाओं की ड्रोन से सर्वे किया गया ह ैअब डोर टू डोर सर्वे किया जायेगा। उन्होंने कहाकि सरकार मकानों का सर्वे करके टैक्स बढे। लेकिन इसमें यह कमी है कि सर्वे में जिन्होंने अवैध मकान बनाये है उनसे आधारकार्ड, बिजली का बिल आदि आईडी मांगी जायेगी इससे ये अवैध मकान वाले स्वामी बन जायेंगे। नये सर्वे में नाले खालों पर मकान बन गये उसका चिन्हीकरण किस तरह होगा। उन्होंने कहा कि 24 साल में वन विभाग का सर्वे नहीं हो पाया जनता परेशान है कि नक्शे पास नहीं हो रहे। अब जो सर्वे होगा उसका लाभ नहीं हो पायेगा व नुकसान होगा। इसे सही तरीके से करें व सर्वे के बाद पालिका नाले खालों को दर्शाये। लेकिन जिस तरह बडे संस्थानों लबासना, आईटीबीपी, आईटीएम वुडस्टाक ने ड्रोन सर्वे की परमिशन नहीं दी तो उनका सर्वे कैसे होगा। इसके लिए आम सहमति बनाई जानी चाहिए। वहीं भारत भूषण ने कहा कि ड्रोन सर्वे से शहर की स्थिति साफ होगी लेकिन नालो खालों का सर्वे इसमें नहीं आयेगा तो यह मात्र पालिका की आय का साधन बनकर रह जायेगा। उन्होंने कहा कि मसूरी के पुराने नक्शे, सर्वे आॅफ इंडिया का नक्शा भी इसमें शामिल किया जाता ताकि पूरी स्थिति स्पष्ठ हो सके। इस मौके पर नगर पालिका ईओ राजवीर चैहान, पूर्व पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता, व्यापार संघ अध्यक्ष रजत अग्रवाल, होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल, ललित मोहन काला, जगजीत कुकरेजा, जय प्रकाश राणा, नगर पालिका कर अधीक्षक विनय प्रताप सिंह, सहित बड़ी संख्या में विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि एवं संपत्ति स्वामी मौजूद रहे।

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