मसूरी। हिंदी दिवस व चंद्र कुंवर बर्त्वाल की 77वीं पुण्य तिथि पर चंद्रकुवर बर्त्वाल शोध संस्थान एवं द हिल्स आॅफ मसूरी की ओर से लाइब्रेरी स्थित होटल विष्णु पैलेस के सभागार में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। बतौर मुख्य अतिथि विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि कवि चंद्रकुंवर बर्त्वाल के नाम पर विश्वविद्याल की स्थापना हो, उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर हम अपनी महान विभूतियों को भूलते जा रहे है। इस मौके पर स्व डॉ योगम्बर सिंह के पुत्र गौरव बर्त्वाल ने चंद्रकुं
वर बर्त्वाल के साहित्य को समाज के बीच लाने के प्रयासों से अवगत कराया। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि विधायक मुन्ना सिह चैहान ने कहा कि चंद्रकुवर बर्त्वाल शोध संस्थान को विस्तारित करने की जरूरत है, जो उनके साहित्य का संकलन कर समाज के सामने लाने के प्रयास करें। उन्होंने कहा कि चंद्रकुवर बत्र्वाल ने हर स्तर की काव्य रचना की। उन्होंने कहा कि यह समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी है कि समाज व साहित्य में जिन्होंने उच्चकोटि का योगदान दिया उन्हें सामने लाये। दुर्भाग्य है कि हमारा समाज अपने साहित्यकारो, विद्वानों पर गर्व करे न कि बाहरी लोगों का। ताकि आने वाली पीढियों को इनकी उपलब्ध्यिों के बारे में जानकारी मिल सके।
इस मौके पर विधायक देव प्रयाग विनोद कंडारी ने कहा कि चंद्रकुवर बर्त्वाक\ को याद ही नहीं किया जाना चाहिए बल्कि उनके साहित्य को प्रचारित व प्रसारित किया जाना चाहिए ताकि नई पीढी को उनकी उपलब्धियों पर गव्र्र हो सके। संगोष्ठी में पूर्व डीआईजी और केदारखंड सांस्कृतिक संस्थान के सचिव एसपी चमोली ने उनकी कविताओं पर प्रकाश डाला, व बताया कि चंद्रकुंवर बत्र्वाल को केदारखंड सांस्कृतिक संस्थान ने आगे लाने का प्रयास किया। कार्यक्रम को पूर्व पालिकाध्यक्ष ओपी उनियाल, मनमोहन सिंह मल्ल, पूर्व काबीना मंत्री शूरवीर सजवाण, आदि ने भी संबोधित किया।
वहीं कार्यक्रम में मसूरी गल्र्स इंटर कालेेज की छात्राओं ने उनके लिखी कविताओं को गीत के रूप में प्रस्तुति दी। इस मौके पर चंद्रकुवर बत्र्वाल शोध संस्थान मसूरी के अध्यक्ष शूरवीर भंडारी ने कहा कि यह उनकी 77 वीं पुण्य तिथि है व गत 30 वर्षों से गोष्ठी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने हिमालय के सौदर्य का वर्णन किया व छायावाद के सर्वश्रेष्ठ कवियों में थे व पंत, निराला, व प्रसाद के समकक्ष रहे। उन्हें पश्चिम का कीटस व उत्तराखंड का कालिदास माना जाता है व उन्हें हिमालय का गीत गधर्व कहा जाता है। इस मौके पर युवा प्रतिभाओं को भी सम्मानित किया जा रहा है। चंद्रकुंवर बत्र्वाल शोध संस्थान मसूरी के अध्यक्ष शूरवीर भंडारी ने बताया कि हर वर्ष उनकी पुण्य तिथि पर उन्हें याद किया जाता है लेकिन कोरोना काल के बाद इस बार उनकी प्रतिमा पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम रखा गया है। उन्होंने कहा कि हिमवंत कवि चुद्रकुवर बत्र्वाल उत्तराखंड के ऐसे महान कवि हुए जिन्होंने बहुत कम समय में इतना साहित्य रचा जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। मुख्यतः वह प्रकृति के छायावादी कवि थे लेकिन जो उन्होंने लिखा उनकी तुलना विश्व व भारत के श्रेष्ठतम कवियों में की जाती है। उन्होंने बताया कि अब उत्तराखंड के विश्वविद्यालयों सहित इंटर कालेजों मंे उनकी कविताओं को पाठयक्रम में शामिल किया गया है।
जसमें पीसीएस अनिल रावत व अंकि कंडारी को सम्मानित किया गया वहीं विधायक विनोद कंडारी को तेगड़ में डिग्री कालेज खुलवाने के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन अनिल गोदियाल ने किया। इस मौके पर पूर्व पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता, डाॅ मानवेंद्र सिंह बत्र्वाल विभागाध्यक्ष मानव विज्ञान दून विश्ववि़द्वालय, मोहन नेगी, सेवानिवृत्त आईजी बीएसएफ मनोरंजन त्रिपाठी, प्रो सतीश एकांत, डा. सुनील पंवार , पूर्व सभासद मनीषा खरोला, शशि रावत, जशोदा शर्मा, भाजपा महानगर उपाध्यक्ष पुष्पा पडियार, मीरा सकलानी, अनीता धनाई, माधुरी चमोली, विजय लक्ष्मी काला, भाजपा मंडल उपाध्यक्ष अरंिवद सेमवाल, अमित भटट, रजनी एकांत, अनिल सिंह, संस्थान के सचिव नरेंद्र पडियार, संयोजक उपेंद्र लेखवार, मसूरी प्रेस क्लब अध्यक्ष सुनील सिलवाल, महामंत्री सूरत सिह रावत, कोषाध्यक्ष मोहसिन, आशीष भट्ट, नरेश नौटियाल, रवि बंसवाल, वरिष्ठ पत्रकार बिजेंद्र पुंडीर, भगवान सिंह चैहान, दीपक रावत, व्यापार संघ अध्यक्ष रजत अग्रवाल, महामंत्री जगजीत सिंह कुकरेजा, शिव अरोडा, राजेश कुमार, पूर्व पालिका सभासद केएस कंडारी, सद्भावना के पूर्व अध्यक्ष सुनील पवांर, लीला कंडारी, रीता खुल्लर,, कविता भंडारी, गुडमोहन, वरिष्ठ भाजना नेता बिजेंद्र भंडारी, पूर्व सभासद सतीश ढौडियाल, बीना पंवार, पूर्व मंडल अध्यक्ष भाजपा बीरेंद्र सिंह राणा, उपाध्यक्ष उत्तराखंड संस्कृति प्रकोष्ठ भाजपा राजेंद्र रावत, शहर कांग्रेस अध्यक्ष अमित गुप्ता, पूर्व सभासद कमल कैंतुरा, पूर्व पालिका सभासद दर्शन रावत, पूर्व सभासद बीना पंवार, प्रवीण पंवार, बीना गुनसोला, पूर्व सभासद के एस कंडारी, राजेंद्र सिंह कंडारी, मासंती कैंतुरा धनाई, कविता भंडारी, जगदीश प्रसाद जोशी, भगवती प्रसाद सकलानी, विनोद कंडारी, देवेंद्र उनियाल, हरीश कालरा, के डी नौटियाल, पूर्व पालिका सभासद मनीषा खरोला, शशि रावत, बीना गुनसोला, स्मृति सरीन हरि, निम्माकांत, आशीष जोशी, अनिल सिंह, संदीप कुमार, अर्जुन गुंसाई, रीता खुल्लर, नमिता कुमाई, राजीव अग्रवाल, आशीष गोयल, जसोदा शर्मा, पूर्व छावनी सभासद चंद्रकला सयाना, गंभीर सिंह पंवार, राजेश्वरी नेगी, अनिल रावत, रागिनी जोशी शर्मा, सुधा सुरीरा, पूजा चैहान, तृप्ति थापली, संतोष शर्मा, विनीतचंद्र शर्मा, जयकृत, अवंतिका भंडारी, विनय चतुर्वेदी, शिवालिका अग्रवाल, विजयलक्ष्मी काला, विजय विंदवाल, अभिषेक सिंह, अनन्या सुरीरा, सहित बडी संख्या में साहित्य प्रेमी मौजूद रहे।
मालरोड स्थित उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि कार्यक्रम में नगर के हिमवंत काव्य प्रेमी और गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया। शहर के विभिन्न राजनैतिक व सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने चंद्र कुंवर बत्र्वाल की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।