लोकतंत्र में सूचना का अधिकार हथियार नही बल्कि टूल है-योगेश भट्ट

मसूरी

मसूरी। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005,शक्ति एवं चुनौतियांे पर आयोजित संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि राज्य सूचना आयुक्त योगेश भटट ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम गुड गवर्नेंस व समाज में पारदर्शिता है। यह एक हथियार नहीं बल्कि औजार है। उन्होंने रेखांकित किया कि कुछ लोगों द्वारा इसका दुरूपयोग भी किया जा रहा है। जिसकांे रोकने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे है।
नगर पालिका सभागार में स्टेट यूनियन आॅफ वर्किंग जर्नलिस्ट मसूरी इकाई के तत्वाधान में आयोजित संगोष्ठी में राज्य सूचना आयुक्त योगेश भटट ने कहा कि पिछले कुछ समय से सूचना के अधिकार पर नकारात्मकता बढ़ी है। जो कहीं न कहीं इसके अधिकार का उपयोग कम दुरूपयोग किया जाना लगता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए स्कूलों में, सरकारी विभागों में, सामाजिक संगठनों के स्तर पर जागरूकता लायी जा सकती है। जिससे समाज में हर व्यक्ति इसके महत्व को समझ पाएगा। उन्होंने कहा कि इसका दुरूपयोग तब होता है जब इसका सदुपयोग नहीं होता। सूचना लेने का उद्देशय क्या है। यह भी लोक सूचना अधिकारी और अपीलीय अधिकारी को जानने का अधिकारी है। अगर सूचना गलत दी जाती है तो इसकी शिकायत आयोग करता है, व उसकी जांच करायी जा सकती है व कडी से कड़ी कार्रवाई का प्रावधान भी निहित है। गोष्ठी में पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिहं मल्ल, ओपी उनियाल, वरिष्ठ पत्रकार जयप्रकाश उत्तराखंड़ी, यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष गणेश कुकशाल गणी ने भी अपने विचार रखे। सुझाव भी दिए और सूचना के अधिकार से हो रही भ्रातिंयो के बारे में कहा कि सूचना के अधिकार के दुरूपयोग को रोकने की व्यवस्था एक्ट में होनी चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रदीप भण्डारी ने कहा कि मतदान के अधिकार की तरह आजादी के बाद इस देश की संसद द्वारा पारित सूचना का अधिकार सबसे बड़ा कानून है। इस कानून को पारित करने के पीछे बड़ी सोच और बहुत मेहनत लगी है । जिसने आम नागरिक को शक्तिशाली बना दिया है । इस अधिकार ने अफसरों की तानाशाही पर अंकुश लगाया जा सका है। कार्यक्रम का संचालन अनिल गोदियाल द्वारा किया गया। इस अवसर निधि बहुगुणा, ललित मोहन काला, अरूण गोयल, वीरेंद्र कैंतुरा, जय प्रकाश राणा, रजत अग्रवाल, बीरेंद्र सिंह कैंतुूरा, एडवोकेट मनोज सैली, देवी प्रसाद गोदियाल, आरपी बडोनी, पूर्व पालिका सभासद शशि रावत, बीना गुनसोला आदि शामिल थे। यूनियन की और से महामंत्री दीपक सक्सेना, सुमित बंसल, उपेंद्र लेखवार, शिव अरोड़ा, भानू काला, आशीष भट्ट आदि थे।

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