मसूरी। छावनी क्षेत्र के चार दुकान में लंढौर मेले का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में देशी विदेशी पर्यटकों सहित स्थानीय लोगों ने आनंद लिया। इस मौके पर जहां विभिन्न संस्थाओं के स्टाल लगे थे वहीं खाने पीने के लजीज स्टालों के साथ उत्तराखंडी भोजन भी परोसा गया। मेलेे के दौरान आईटीएम वैलफेयर संेटर के सभागार में मसूरी के इतिहास से संबंधित चित्रों व गत लाॅक डाउन के चित्रों की प्रदर्शनी भी लगी।
लंढौर मेंले में बड़ी संख्या में देशी विदेशी पर्यटकों ने पहुंचकर मेले का आनंद लिया। वहीं इश्क ए हिल्स की ओर से पहाड़ी खाना परोसा गया जिसका लोगों ने आनंद लिया। स्टाल की संचालिका आशु जैन ने बताया कि वह विगत कई वर्षों से पहाड़ी खाने का कार्य कर रही है व इस पर एक पुस्तक भी लिखी है। लोगों का पहाड़ी खाने के प्रति बड़ा लगाव दिख रहा है जो आने वाले समय में अपना मुकाम हासिल करेगा। वहीं इस मौके पर दुर्गा महिला समूह की ओर से भी पहाड़ी उत्पादों व खाने का स्टाल लगाया गया था। इसी कड़ी में देव भूमि रसोई की ओर से पहाड़ी खाने के साथ पहाड़ में बनने वाली मिठाइयां मेले में परोसी गई। देव भूमि रसोई के संचालक पंकज अग्रवाल ने कहा कि वह विगत कई वर्षों से पहाड़ के व्यंजनों को विभिन्न मेलों व कार्यक्रमों में परोस रहे हैं। मेलेे का मुख्य आकर्षण मसूरी के इतिहास से संबंधित प्रदर्शनी थी जिसमें मसूरी के गौरवशाली इतिहास के चित्र रखे थे वहीं गत कोरोना काल के दौरान लाॅक डाउन में मसूरी की स्थिति को देख लोगों का ध्यान खींचा गया। मेले में गीत संगीत का आयोजन भी किया गया था। मेले के दौरान खासी भीड़ मौजूद रही। लंढौर मेला विगत आठ वर्षों से लगाया जा रहा है जो अपनी अलग पहचान बना चुका है। मेले में वन विभाग के डीएफओ आशुतोष सिंह की ओर से चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें निर्मला इंटर कालेज व मसूरी गल्र्स इंटर कालेज ने प्रतिभाग किया तथा जिसके सीनियर व जूनियर में प्रथम, द्वितीय व तृतीय रहने वाले छात्र छात्राओं को सीईओ कैंट अभिनव सिंह व डीएफओ आशुतोष सिंह ने पुरस्कार वितरित किए। इस मौके पर पूर्व छावनी उपाध्क्ष महेश चाँद, पूर्व सभासद पुष्प पडियार भी मौजूद रहे।
मेलेे में मसूरी वन प्रभाग की ओर बर्ड वाचिंग कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें लंढौर कैंट से कोल्टी, किमोई, होते हुए जबर खेत तब बर्ड वाचिंग 13 किमी क्षेत्र मंे की गई। मेले में वन विभाग की ओर से धात्री संस्था हाप के माध्यम से स्थानीय उत्पादों व गोबर से बनी वस्तुओं की प्रदर्शनी लगी जिसमें लोगों ने उत्पाद भी खरीदे। इस मौके पर डीएफओ मसूरी व भद्रीगाड रेंज अधिकारी मेधावी कीर्ति भी मौजूद रही। मेधावी कीर्ति ने कहा कि महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए धात्री संस्था के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए गाय के गोबर से दिए, लकड़ी, हवन सामग्री, धूप आदि बना रहे हैं वहीं पहाड़ी उत्पादों को भी बढावा दिया जा रहा है। वहीं मेले में गर्म कपड़ों, विभिन्न प्रकार के सजावटी सामानों आदि की भी लोगों ने जमकर खरीददारी की।