मसूरी। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के तत्वाधान में आयोजित बैठक में उत्तराख्ंाड राज्य आंदोलनकारी सम्मान परिषद के उपाध्यक्ष सुभाष बड़थ्वाल का स्वागत व शाॅल भेंट कर सम्मानित किया गया वहीं वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भक्तिराम नौडियाल को भी सम्मानित किया गया।
राधाकृष्ण मंदिर में आयोजित उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच की बैठक में आंदोलनकारियों ने छूट चुके आंदोलनकारियों का चिन्हीकरण करने, पेंशन बढाने, क्षैतिज आरक्षण का लाभ आंदोलनकारियों के बच्चों को दिए जाने, स्वास्थ्य सुविधा देने, शहीद स्थल का सौंदर्यीकरण करने व म्युूजियम बनाने आदि की मांग की व उन्हें ज्ञापन भी दिया गया। इस मौके पर आंदोलनकारियों पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल, जय प्रकाश उत्तराखंडी, विजय रमोला, प्रदीप भंडारी, शूरवीर भंडारी, कमल भंडारी, आदि ने सम्मान परिषद के उपाध्यक्ष के समक्ष विस्तार से समस्याओं को रखा। वहीं यह भी कहा कि जिन गलत लोगों का चिन्हीकरण हो गया है उस पर भी कार्रवाई की जाय। बैठक में सबसे अधिक पीड़ा उन महिलाओं ने रखी जिन्होंने आंदोलन में सक्रिय भाग लिया लेकिन आज तक चिन्हीकरण नहीं किया गया। इस मौके पर उत्तराख्ंाड राज्य सम्मान परिषद के उपाध्यक्ष सुभाष बड़थ्वाल ने कहा कि आंदोलनकारियों ने विस्तार से समस्याओं को रखा लेकिन जो भी मांग रखी गयी उसपर पहले से ही कार्य किया जा रहा है। जिसमें चिन्हीकरण, पेशन बढोत्तरी आदि पर कार्य किया जा रहा है व मुख्यमंत्री को मांगे सौंप दी गयी है जिस पर मुख्यमंत्री बैठक लेंगे व समस्याओं का समाधान करेंगे। वहीं उन्होंने कहा कि दो सितंबर को मसूरी गोलीकांड की बरसी है, उस दिन मुख्यमंत्री आयेंगे व उनके सामने समस्याओं को प्रमुखता से रखा जायेगा। परिषद की प्राथमिकता है कि जो आंदोंलनकारी है उनका चिन्हीकरण होनी चाहिए, पेशन बढनी चाहिए, क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए, वहीं शहीद स्थल पर म्यूजियम बनाने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की थी उस पर भी उन्हें अवगत कराया जायेगा।इस मौके पर मंच के अध्यक्ष देवी गोदियाल ने कहा कि मंच की बैठक में आंदेालनकारी परिषद के उपाध्यक्ष सुभाष बड़थ्वाल को बुलाया व आंदोलनकारियों के हक हकूकों को दिलाने की मांग की जिसमें पेंशन बढोत्तरी, चिन्हीकरण, आरक्षण आदि की मांग की गयी। कार्यक्रम का संचालन अनिल गोदियाल ने किया। इस मौके पर मंच के महासचिव पूरण जुयाल, राजेंद्र कंडारी, श्रीपति कंडारी, बिजेंद्र पुडीर, भगवान सिंह रावत, नरेन्द्र पडियार, पुष्पा पडियार, जबर सिंह बर्तवाल, सुरेंद्र डंगवाल, बीना मल्ल, बीना गुनसोला, राजेश्वरी नेगी, प्रभा बर्तवाल, सहित बड़ी संख्या में आंदोलनकारी मौजूद रहे।
