144 करोड़ से अधिक खर्च होने के बाद भी लोगों को यमुना का पानी मयस्सर नही, टैकरों से हा रही है पानी सप्लाई

जन समस्या मसूरी

मसूरी। पर्यटन नगरी मसूरी की पानी की समस्या का समाधान करने के लिए 144 करोड़ की यमुना पेयजल योजना स्वीकृत हुई, जिस पर तेजी से कार्य भी किया गया। लेकिन अभी तक जनता को पानी नहीं मिल पाया है। तुर्रा यह कि भाजपाईयों ने गांधी चैक पर इस योजना के पूरे होने पर पटाखे फोड़े, मिठाई बांटी और काबीना मंत्री और विधायक गणेश जोशी व सरकार की खूब जय जयकार की। महीनों बीत जाने के बाद भी लोगों को यमुना का पानी मयस्सर नही हो पाया। जल निगम ने अभी तक इस योजना से होने वाली सप्लाई और पाईप लाइनों के रखरखाव को जल ंसस्थान को हस्तांतरित नही किया। बताया यह भी जा रहा है कि जल संस्थान ने पानी की गुणवत्ता पर ही सवाल खड़े कर दिए। और मामला इन दिनों पानी की टेस्टिंग पर अटक गया है। हालत यह है कि आॅफ सीजन में लोगों को टैंकरों से पानी की सप्लाई की जा रही है।
उम्मीद जा रही थी कि इस साल के मई जून के सीजन में जनता को यमुना का पानी मिलने से समस्या का समाधान हो जायेगा। लेकिन अब जो स्थित नजर आ रही है उससे लगता है कि इस वर्ष के अंत तक या अगले वर्ष के पहले माह में ही पानी मिल पायेगा।
मसूरी की पानी की समस्या का समाधान करने के लिए अति महत्वकांक्षी यमुना पंपिंग पेयजल योजना स्वीकृत की गई। लेकिन अभी तक इसका पानी जनता को नहीं मिल पा रहा है। अभी भी टैंकरों से होटलों में पानी की सप्लाई की जा रही है। बताया जा रहा है कि योजना से फरवरी माह में पानी राधा भवन पहुंचा दिया गया था। पानी पीने योग्य न होने के चलते उसका उपयोग लाइनों को साफ करने के लिए किया जा रहा है। योजना का पानी राधा भवन पहुचने पर मसूरी वासियों सहित होटल व्यवसायियों, व्यापारियों में खुशी देखी गई थी। और भाजपाईयों ने खूब हो-हल्ला किया। लोगों को उम्मीद थी कि इस साल के मई जून के सीजन में पानी की किल्लत का समाधान हो जायेगा। लेकिन अभी तक यमुना के पानी का जनता को लाभ नहीं मिल पाया है। पानी न मिलने से लोग निराश हो गए। इस संबध में जल संस्थान के सहायक अभियंता टीएस रावत का कहना है कि जल निगम ने राधा भवन पानी पहुंचा दिया है और अब उनके अधिकारियों का कहना है कि पानी पूरी तरह से साफ हो गया है व जो मानक होते है उस पर खरा उतर गया है। उनके इस दावे को लेकर जल संस्थान की टीम पानी का निरीक्षण करेगी कि यह पानी जनता के उपयोग के लायक हो गया है या नहीं। लेकिन अगर पानी साफ भी हो गया है तो इसका लाभ मिलने में अभी समय लगेगा, हो सकता है कुछ क्षेत्रों को इसका पानी मिल जाये लेकिन मसूरी को मुख्य जल भंडार गनहिल व लंढौर सर्वे जल भंडार में तो अभी तक लाइन ही नहीं बिछायी गई है। ऐसे में पानी कब जनता को मिलेगा कहा नहीं जा सकता। वहीं दूसरी ओर पेयजल निगम के अधिशासी अभियंता संदीप कश्यप का कहना है कि पानी राधा भवन पहुंचा दिया गया है। हालांकि पानी तो काफी पहले पहुचा दिया गया था लेकिन तब उसकी गुणवत्ता सही न होने के कारण इस पानी को लाइनों के साफ करने में उपयोग किया गया लेकिन अब पानी पूरी तरह से साफ है व मानकों पर खरा है इसका उपयोग जनता के लिए किया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि अभी तक गनहिल व सर्वे जल भंडारण के लिए लाइन नहीं बिछायी गई जिस कारण दिसंबर अंत तक ही यह कार्य पूरा हो पायेगा। लंढौर की स्थिति कठिन है इसके लिए सर्वे से परमिशन मांगी गई है। अगर उनकी परमिशन आ जाती है तो लंढौर सर्वे जल भंडारण तक लाइन बिछायी जायेगी। लेकिन राधा भवन, व नान पारा जल भंडारण में लाइन पहुचा दी गई है। विद्युत सब स्टेशन पर उन्होने कहा कि जो विद्युत सब स्टेशन ख्यार्सी में बनाया जा रहा है वह यूपीसीएल बना रहा है जिसका कार्य अक्टूबर अंत तक पूरा होने की संभावना है। ऐसे में अभी पानी दिसंबर तक ही पहुचाया जा सकेगा। योजना पूरी होने के बाद भी लंढौर छावनी क्षेत्र को इसके पानी का लाभ नहीं मिल पायेगा इसके लिए समय लग सकता है।

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