देहरादून/मसूरी
कुमांउनी बोली-भाषा के लोककवि मथुरादत्त मठपाल की स्मृति में चंद्रकुंवर बत्र्वाल शोध संस्थान देहरादून ने अदली कुशाली पत्रिका का लोकार्पण किया गया। इस मौके पर हिमवंत कवि चंद्रकुंवर बत्र्वाल शोध संस्थान के सचिव डा योगंबर सिंह बत्र्वाल तुंगनाथी ने कहा कि कुमायू के महान लोककवि मथुरादत्त मठपाल ने लोकभाषा के उन्नयन के लिए जीवन पर्यंत काम किया है। उन्होंने कहा कि कवि मठपाल ने प्रकृति के चितेरे कवि बत्र्वाल की 80 कविताओं को कुमांउनी बोली-भाषा में रूपांतरण किया था। और हिमवंत कवि बत्र्वाल की कविता था मेरा घर भी यही कहीं नाम से प्रकाशित किया था। कवि मथुरादत्त मठपाल का बीती 9 मई 2021को देहांत हो गया था। स्व मठपाल को 2015 में देहरादून और 2016 में मसूरी में सम्मानित किया गया था। इसके साथ ही संस्थान द्वारा 2019 अगस्यतमुनि में भी सम्मान दिया गया था। स्व मठपाल ने हिमवंत कवि बत्र्वाल की पुण्यतिथि पर रामनगर में एक भव्य आयोजन किया था। जिसमें गढ़वाली और कुमांउनी के मूर्धन्य साहित्यकारों ने प्रतिभाग किया था। लोकार्पण कार्यक्रम में डा मीनाक्षी रावत, चंद्रमोहन सिंह कंडारी, मोहन सिंह नेगी, मनोहर सिंह रावत, मुकुल पंवार, कुलवंती देवी, चंदन नेगी आदि शामिल थे।