देहरादून
मुख्यमंत्री के निर्देशों पर आयोजित हो रहे “विद्युत समस्या समाधान शिविर” में आमजन की समस्याओं का प्राथमिकता पर हो रहा निस्तारण
-1400 से अधिक शिकायतों का अब तक किया गया मौके पर निराकरण-कैम्पों में बिजली के बिलों में गड़बड़ी, खराब मीटर, लो वोल्टेज, ट्रांसफार्मर आदि समस्याएं । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारण के मंत्र के मद्देनजर प्रदेश में विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान हेतु “विद्युत समस्या समाधान शिविर” आयोजित किए जा रहे हैं जिसमें जेई से लेकर चीफ इंजीनियर रैंक के अधिकारी कैंपों में मौजूद रहकर उपभोक्ताओं की शिकायतों को प्राथमिकता पर हल कर रहे हैं। अब तक इन कैम्पों में कुल 2505 शिकायतें प्राप्त हुई जिनमें से 1438 शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री धामी के निर्देशों पर 23 जनवरी से पूरे प्रदेश में विद्युत समस्या समाधान शिविर का आयोजन किया जा रहा है। प्रत्येक विकास खण्ड में कम से कम 7–8 कैंप आयोजित किए जा रहे हैं। कैम्पों में बिजली के बिलों में गड़बड़ी, खराब मीटर, लो वोल्टेज, ट्रांसफार्मर आदि शिकायतों का तत्काल निस्तारण किया जा रहा है। अहम बात यह कि विकासखण्ड स्तर पर आयोजित किए जा रहे इन कैंपों की सीधी मॉनिटरिंग ऊर्जा भवन देहरादून से की जा रही है। निगम के एमडी अनिल कुमार रोजाना कैंप का अपडेट ले रहे हैं। निगम के अधिकारियों को सख्त हिदायत दी गई है कि शिविर में दर्ज की जा रही शिकायतों का समयबद्ध समाधान किया जाए। अभियान की एक फाइनल रिपोर्ट मुख्यमंत्री को भी सौंपी जाएगी। विद्युत शिविरों में समय पर बिल भुगतान और बिजली के अनाधिकृत प्रयोग को रोकने के लिए जनता को भी जागरूक किया जा रहा है। राज्य सरकार का प्रयास है कि जनता को निर्बाध विद्युत आपूर्ति हो और उपभोक्ताओं की समस्याएं भी समय रहते हल हों। इसके लिए मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को खुद जनता के दरवाजे पर जाने के निर्देश दिए गए हैं।
यूपीसीएल की उपलब्धियां
यूपीएसीएल के एमडी अनिल कुमार ने बताया कि डिस्कॉम की ओर से राज्यों को लेकर जारी की गई कंस्यूमर सर्विस रेटिंग में यूपीएसीएल को बी-प्लस रेटिंग के साथ पहला स्थान मिला है। इसके अलावा डिसकॉम की ही 10 वीं इंटीग्रेटेड रेटिंग में निगम को बी रेटिंग मिली है। इसके अलावा उत्तराखंड देश में सबसे बिना सब्सिडी दिए कम दरों पर बिजली उपलब्ध कराने वाले राज्यों में शामिल है। वहीं, सरकारी विभागों की 188 करोड़ की देनदारी के सापेक्ष कुल 162 करोड़ की प्राप्ति हासिल की गई है।